अमरजीत सिंह भट्ठल
जानें एक रिटायर्ड फौजी के बारे में, जो एग्रीप्रेन्योर बन गए और एग्री बिज़नेस के क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं
आज कल बहुत कम लोग अपने भविष्य में खेतीबाड़ी के क्षेत्र में जाने के बारे में सोचते हैं। जिस दौर में हम रह रहे हैं, इसमें ज्यादातर लोग बड़े शहरों का हिस्सा बनना चाहते हैं और सेवा मुक्ति के बाद की ज़िंदगी को लोग आमतौर पर आसान और आरामदायक तरीके से जीना चाहते हैं, जिसमें उनके पास कोई काम ना होना, घर में खाली बैठना, अखबार पढ़ना, बच्चों के साथ समय बिताना और थोड़ी बहुत कसरत करना आदि शामिल हो। बहुत कम लोग होते हैं, जो कुदरत की चिंता करते हैं और अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं और अपने जीवन में उन्होंने मिट्टी से जो कुछ हासिल किया, उसे वापिस देने की कोशिश करते हैं।
स. अमरजीत सिंह भट्ठल एक रिटायर्ड फौजी हैं, जो कुदरत के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और इस जिम्मेदारी को उन्होंने अपना शौंक और आराम का तरीका बना लिया। वे आराम वाली ज़िंदगी को छोड़कर लुधियाना में स्थित अपने गांव में अपने पिता और पत्नी सहित रह रहे हैं और जट्ट सौदा के नाम से एक दुकान चला रहे हैं।
सड़क के साथ लगती और भी दुकानें और रिटेल स्टोर हैं, पर जट्ट सौदे में खास क्या है दुकान के पीछे स्वंय के खेत में उगाई जैविक सब्जियां, दालें, फल और मसाले आदि जट्ट सौदे को दूसरों से अलग और विलक्षण बनाते हैं। वास्तव में उनकी ऑन रोड फार्म मार्किट है, जहां पर आप सब कुछ ताजा और जैविक खरीद सकते हैं। इसके अलावा उनके पास एक छोटा पॉल्टरी फार्म भी है, जहां उनके पास लगभग 100 देसी मुर्गियां हैं। मुर्गियों की गिनती कम ज्यादा होती रहती है, पर देसी अंडों की मांग कभी भी नहीं घटती और स्टोर में पहुंचने के साथ-साथ ही सारे अंडे बिक जाते हैं।
उन्होंने विरासत मिशन से ट्रेनिंग लेने के बाद दिसंबर 2012 में जैविक खेती शुरू की। उस दिन से लेकर आज तक वे खेती का काम पूरी लगन से कर रहे हैं। वे सुबह से शाम तक का समय अपने फार्म स्टोर पर ही व्यतीत करते हैं, जहां उनके पिता भी उनका साथ देते हैं। ये पिता-पुत्र अपनी ज़मीन के छोटे से हिस्से को अपने पुत्र की तरह पालते हैं।
उन्होंने अपनी दुकान की दिखावट ग्रामीण तरीके से तैयार की है, जिसके एक ओर आप ताज़ी मौसमी सब्जियां डिस्पले पर लगी देख सकते हैं और छत से नीचे लटकती लहसुन की गांठे देख सकते हैं। दुकान के बीच में से एक रास्ता पीछे बने फार्म की तरफ जाता है, जहां आपको भिंडी, टमाटर, करेले, अरहर अलग अलग तरह के लैट्टस (सलाद पत्ता) की किस्में और अन्य बहुत तरह की सब्जियां मिलती हैं। उनके अनुसार फार्म देखने के लिए सबसे उचित समय जल्दी सुबह से शाम तक का होता है क्योंकि उस समय आप बहुत अच्छे कुदरत के रंगों को फार्म की खूबसूरती से मिलते देख सकते हैं। फार्म के एक कोने पर पोल्टरी फार्म बना है जहां आप किल्ली से बंधा कुत्ता देख सकते हैं। सब कुछ मिलाकर यह फार्म एक संपूर्ण फार्म का दीदार करवाता है। उनके पास खेती के कामों के लिए 2-3 मजदूर हैं।
अमरजीत सिंह जी ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से एम एस सी की डिग्री पूरी की और देश की सेवा करना उनके द्वारा चुना गया पेशा था। खेती से पहले, स. अमरजीत सिंह एक इमीग्रेशन कंपनी में सलाहकार के तौर पर भी काम करते थे, जहां वे बच्चों के साथ बात करके भविष्य की ज़िंदगी के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में चर्चा करते थे और उन्हें सलाह देते थे। इसके अलावा वे पंजाब के मुख्य मंत्री अमरिंदर सिंह जी के भी प्रसिद्ध सलाहकार रहे हैं। अपनी ज़िंदगी में इतने मशहूर पद हासिल करने के बाद भी आज वे किसी भी चीज़ का घमंड नहीं करते। वे सादा जीवन व्यतीत करने में यकीन रखते हैं और कुदरत की इज्ज़त भी करते हैं। वे जैविक खेती के द्वारा कुदरत को बचाने और समाज को तंदरूस्त भोजन देने की कोशिश कर रहे हैं। अमरजीत सिंह जी का एक छिपा हुआ गुण भी है। उनके कॉलेज के समय से ही वे साहित्य में रूचि रखते थे और उन्हें लियो टॉलस्टॉये को पढ़ने का बहुत शौंक था। वे बहुत बढ़िया लेखक भी हैं और अब भी जब खेती के कामों से समय मिलता है तो अपने विचारों और सोच को शब्दों में लिखते हैं।
उनसे बातचीत करने के बाद उन्होंने ग्राहकों की मांग बारे में चर्चा की और उनके अनुसार आज कल ग्राहकों की मांग स्वास्थ्य के हित में नहीं है। आधुनिक तकनीकों और नए तरीकों से खाना बचाकर आज आप गर्मियों में मटर और गाजर और सर्दियों में लौकी खा सकते हैं। जैसे कि हम सब जानते हैं कि सब्जियां मानवी पाचन क्रिया में मुख्य हिस्सा है और प्रत्येक मौसम हमें बहुत सारी ताजी उपज प्रदान करता है। इसलिए यदि आप अपने भोजन में अन्य जैविक, मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करते हैं, तो यह और भी ज्यादा लाभदायक होगा, क्योंकि खुराक में मौसमी फल शामिल करने से आप अधिक तत्वों वाली सब्जियां, जो कि बिना किसी रसायनों से होती हैं, उनका अच्छा स्वाद ले सकते हैं। यह भोजन आपके शरीर के लिए भी मौसम के अनुसार सहायक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन ग्राहकों को जैविक भोजन के फायदों के बारे में पता लगेगा, उस दिन से जैविक सब्जियों और फलों की मांग अपने आप बढ़ जायेगी और जागरूकता बढ़ाने के लिए किसानों और ग्राहकों में संपर्क होना बहुत जरूरी है।
वे स्वंय लोगों को जैविक खेती के बारे में जागरूक करने की कोशिश करते हैं और उन्होंने स्कूल के बच्चों को जैविक खेती और भोजन की महत्वत्ता पर प्रैज़ैनटेशन भी दी। इस समय वे जैविक खेती को जारी रखने और अन्य लोगों को जैविक खेती के फायदों से जागरूक करवाने की योजना बना रहे हैं।
भविष्य में उनकी योजनाएं इस प्रकार हैं:
• अपनी ऑन रोड मार्किट के ढांचे को अपग्रेड करना
• 2000 गज में नैट हाउस बनाना
• अपने फार्म में फसलों को संरक्षित वातावरण प्रदान करना
• सिंचाई का हाइब्रिड सिस्टम लगाना
• पानी की स्टोरेज बढ़ाना
अमरजीत सिंह भट्ठल जी के द्वारा दिया गया संदेश
“उन्होंने आज के किसानों को बड़ी समझदारी वाला संदेश दिया कि आप उत्पाद का मुल्य नियंत्रण नहीं कर सकते, क्योंकि वह सरकार पर निर्भर करता है, आपको वह करना चाहिए, जो आप कर सकते हैं। किसानों को लागत मुल्य पर नियंत्रण करना चाहिए और जैविक खेती करनी चाहिए, क्योंकि इससे ज्यादा खर्चा नहीं आता। एक समय आयेगा, जब लोगों को अहसास होगा कि पारंपरिक खेती उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। इसलिए अच्छा होगा, यदि हम समय की जरूरत को समझ लें और इसके अनुसार ही काम करें।”