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संदीप सिंह और राजप्रीत सिंह

(बकरी पालन)

किसानों के लिए बन कर आये नई मिसाल, बकरी पालन के व्यवसाय को इंटरनेशनल स्तर पर लेकर जाने वाले दो दोस्तों की कहानी

बकरी पालन का व्यवसाय बहुत लाभकारी व्यवसाय है क्योंकि इसमें बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है, यदि बात करें पशु—पालन के व्यवसाय की, तो ज्यादातर पशु पालन डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय से संबंधित हैं। पर आज कल बकरी पालन का व्यवसाय, पशु पालन में सबसे सफल व्यवसाय माना जाता है और बहुत सारे नौजवान भी इस व्यवसाय में सफलता हासिल कर रहे हैं। यह कहानी है ऐसे ही दो नौजवानों की, जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बकरी पालन का व्यवसाय शुरू किया और सफलता हासिल करने के साथ साथ अन्य किसानों को भी इससे संबंधित ट्रेनिंग दे रहे हैं।

हरियाणा के जिला सिरसा के गांव तारूआणा के रहने वाले संदीप सिंह और राजप्रीत सिंह ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद नौकरी करने की बजाय अपना कोई कारोबार करना चाहते थे। राजप्रीत ने एम.एस.सी. एग्रीकलचर की पढ़ाई की हुई थी, इसलिए राजप्रीत के सुझाव पर दोनों दोस्तों ने खेती या पशु पालन का व्यवसाय अपनाने का फैसला किया। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने पहले पॉलीहाउस लगाने के बारे में सोचा पर किसी कारण इसमें वे सफल नहीं हो पाए।

इसके बाद उन्होंने पशु पालन का व्यवसाय अपनाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने पशु पालन के माहिरों से मुलाकात की, तो माहिरों ने उन्हें बकरी पालन का व्यवसाय अपनाने की सलाह दी।

माहिरों की सलाह से उन्होंने बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने से पहले ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के लिए वे मथुरा गए और 15 दिनों की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने तारूआणा गांव में 2 कनाल जगह में SR COMMERCIAL बकरी फार्म शुरू किया।

आज कल यह धारणा आम है कि यदि कोई व्यवसाय शुरू करना है तो बैंक से लोन लेकर आसानी से काम शुरू किया जा सकता है पर संदीप और राजप्रीत ने बिना किसी वित्तीय सहायता के अपने पारिवारिक सदस्यों की मदद से वर्ष 2017 में बकरी फार्म शुरू किया।

जैसे कहा ही जाता है कि किसी की सलाह से रास्ते तो मिल ही जाते हैं पर मंज़िल पाने के लिए मेहनत खुद ही करनी पड़ती है।

इसलिए इस व्यवसाय में सफलता हासिल करने के लिए उन दोनों ने भी मेहनत करनी शुरू कर दी। उन्होंने समझदारी से छोटे स्तर पर सिर्फ 10 बकरियों के साथ बकरी फार्म शुरू किया था, ये सभी बकरियां बीटल नस्ल की थी। इन बकरियों को वे पंजाब के लुधियाना,रायकोट,मोगा आदि की मंडियों से लेकर आए थे। धीरे धीरे उन्हें बकरी पालन में आने वाली मुश्किलों के बारे में पता लगा। फिर उन्होंने इन मुश्किलों का हल ढूंढना शुरू कर दिया।

बकरी पालकों को जो सबसे अधिक मुश्किल आती है, वह है बकरी की नस्ल की पहचान करने की। इसलिए हमेशा ही बकरियों की पहचान करने के लिए जानकारी लेनी चाहिए। — संदीप सिंह

अपने दृढ़ संकल्प और परिवारिक सदस्यों से मिले सहयोग के कारण उन्होंने बकरी पालन के व्यवसाय को लाभदायक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संदीप और राजप्रीत ने अपने फार्म में बकरियों की नस्ल सुधार पर काम करना शुरू कर दिया। अपने मेहनत के कारण, आज 2 वर्षों के अंदर अंदर ही उन्होंने फार्म में बकरियों की गिनती 10 से 150 तक पहुंच गई है।

बकरी पालन के व्यवसाय में कभी भी लेबर पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यदि इस व्यवसाय में सफलता हासिल करनी है तो हमें खुद ही मेहनत करनी पड़ती है। — राजप्रीत सिंह

बकरी पालन में आने वाली मुश्किलों को जानने के बाद उन्होंने अन्य बकरी पालकों की मदद करने के लिए बकरी पालन की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी ताकि बकरी पालकों को इस व्यवसाय से अधिक मुनाफा हो सके। संदीप और राजप्रीत अपने फार्म पर प्रैक्टीकल ट्रेनिंग देते हैं जिससे शिक्षार्थियों को अधिक जानकारी मिलती है और वे इन तकनीकों का प्रयोग करके बकरी पालन के व्यवसाय से लाभ कमा रहे हैं।

बकरी पालन की ट्रेनिंग देने के साथ साथ SR Commercial बकरी फार्म से पंजाब और हरियाणा ही नहीं, बल्कि अलग अलग राज्यों के बकरी पालक बकरियां लेने के लिए आते हैं।

भविष्य की योजना

आने वाले समय में संदीप और राजप्रीत अपना बकरी पालन ट्रेनिंग स्कूल शुरू करना चाहते हैं और बकरी पालन के व्यवसाय के साथ साथ खेती के क्षेत्र में भी आगे आना चाहते हैं। इसके अलावा वे बकरी की फीड के उत्पाद बनाकर इनकी मार्केटिंग करना चाहते हैं।

संदेश
“बकरी पालकों को छोटे स्तर से बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहिए यदि किसी को भी बकरी पालन में कोई समस्या आती है तो वे कभी भी हमारे फार्म पर आकर जानकारी और सलाह ले सकते हैं।”