करनबीर सिंह
अन्नदाता फूड्स के नाम से किसान हट चलाने वाला प्रगतिशील किसान
आज के समय में हर कोई दूसरों के बारे में नहीं बल्कि अपने फायदे के बारे में सोचता है पर कुछ इंसान ऐसे होते हैं जिन्हें भगवान ने लोगों की सहायता करने के लिए भेजा होता है, वह दूसरे का भला सोचता भी है और इस तरह के इंसान बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।
इस बात को सही साबित करने वाले करनबीर सिंह जो गांव साफूवाला, जिला मोगा के रहने वाले हैं जिन्होंने MSC फ़ूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की हुई है और प्राइवेट कंपनी में काम करते थे और नौकरी छोड़ कर खेत और फ़ूड प्रोसेसिंग करने के बारे में सोचा और उसमें सफल होकर दिखाया।
साल 2014 की बात है जब करनबीर एक कंपनी में काम करते थे और जिस कंपनी में काम करते थे वहां क्या देखते हैं कि किस तरह किसानों से कम कीमत पर वस्तु लेकर अधिक कीमतों पर बेचा जा रहा है और जिसके बारे में किसानों को जानकारी नहीं थी। बहुत समय वह इस तरह ही चलता रहा पर उन्हें यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि जो ऊगा रहे थे वह कमा नहीं रहे थे और जो कमा रहे थे वह पहले से ही बड़े लोग थे।
यह सब देखकर करनबीर को बहुत दुःख हुआ और करनबीर ने आखिर में नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया और खुद आकर घर खेती और प्रोसेसिंग करने लगा। करनबीर के परिवार वाले शुरू से ही फसली विभिन्ता को अपनाते हुए खेती करते थे और इसके इलावा करनबीर के लिए फायदेमंद बात यह थी कि करनबीर के पिता सरदार गुरप्रीत सिंह गिल जोकि KVK मोगा और PAU लुधियाना के साथ पिछले कई सालों से जुड़े हुए हैं, जो किसानों को फसलों से संबंधित सलाह देते रहते थे।
फिर करनबीर ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर खेती माहिरों द्वारा बताएं गए तरीके के साथ खेती करनी शुरू की और कई तरह की फसलों की खेती करनी शुरू कर दी। फिर करनबीर के दिमाग में ख्याल आया कि जब फसल पककर तैयार होगी तो इसकी मार्केटिंग किस तरह की जाए।
फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न पहले छोटे स्तर पर मार्केटिंग की जाए, उसके बाद जब करनबीर गांव से बाहर जाते तो अपने साथ प्रोसेसिंग की अपनी वस्तुएं साथ ले जाते जहां छोटे-छोटे समूह के लोग दिखाई देते उन्हें फिर वह अपने उत्पादों के बारे में बताता और उत्पाद बेचता। उनके दोस्त नवजोत सिंह और शिव प्रीत ने इस काम में उनका पूरा साथ दे रहे हैं ।
फिर उन्होंने इसकी मार्केटिंग बड़े स्तर पर करने के बारे में सोचा और 2016 में “फ्रेंड्स ट्रेडिंग” नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई और ट्रेडिंग का काम शुरू कर दिया, जहां पर वह अपनी फसल तो मार्किट ले जाते, साथ ही ओर किसानों की फसल भी ले जानी शुरू कर दी, जोकि खेती माहिरों की सलाह से उगाई गई थी। इस तरीके के साथ उगाई गई फसल की पैदावार अधिक और बढ़िया होने के करने इसकी मांग बढ़ी जिससे करनबीर और किसानों को बहुत मुनाफा हुआ। जिसके साथ वह बहुत खुश हुए।
इस दौरान ही उनकी मुलाकात खेती व्यापार विषय के माहिर प्रोफेसर रमनदीप सिंह जी के साथ हुई जोकि हर एक किसान की बहुत सहायता करते हैं और उन्हें मार्केटिंग करने के तरीके के बारे में जागरूक करवाते रहते हैं और इसे दिमाग में रखते हुए फिर मार्केटिंग करने के तरीके को बदलने के बारे में सोचा।
फिर दिमाग में आया कि पैदा की फसल की प्राथमिक स्तर पर प्रोसेसिंग करके अगर मार्केटिंग की जाए तो क्या पता इससे बढ़िया लाभ मिल सकता है। फिर उन्होंने शुरू में जिस फसल की प्रोसेसिंग हो सकती थी प्रोसेसिंग करके उन्हें बेचने का काम शुरू कर दिया, जिसकी शुरुआत उन्होंने किसान मेले से की और उनको लोगों की अच्छी प्रतिकिर्या मिली।
इसे आगे चलाने के लिए करनबीर सिंह जी ने एक किसान हट खोलने के बारे में सोचा जहां पर उनकी फसलों की प्रोसेसिंग और किसानों की फसलों की प्रोसेसिंग का सामान रख कर बेचा जा सके, जिसका मुनाफा सीधा किसान के खाते में ही जाए न कि बिचौलिए के हाथ और जिसके साथ उसकी मार्केटिंग बनी रहेगी और दूसरा लोगों को साफ-सफाई और बढ़िया वस्तुएं मिलती रहेगी।
फिर 2019 में करनबीर ने अन्नदाता फूड्स नाम से ब्रांड रजिस्टर्ड करवा कर मोगा शहर में अपनी किसान हट खोली और प्रोसेसिंग किया हुआ सामान रख दिया। जैसे-जैसे लोगों को पता चलता गया, वैसे ही लोग सामान लेने आते रहे।
जिस में बाकि किसान द्वारा प्रोसेसिंग किया सामान जैसे शहद, दाल, GSC 7 कनोला सरसों का तेल, चने आदि बहुत वस्तुएं रख कर बेचते हैं।
बहुत कम समय में मार्केटिंग में प्रसार हुआ और लोग उन्हें अन्नदाता फूड्स के नाम से जानने लगे। इस तरह 2019 में वह सफल हुए जिसमें उनकी सफलता का मुख्य श्रेय GSC 7 कनोला सरसों का तेल को जाता है क्योंकि तेल की मांग इतनी अधिक है कि मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह तेल बाकि तेल से अलग है क्योंकि इस तेल में बहुत मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते है और जिससे उन्हें मुनाफा तो होता पर उनके साथ ओर किसानों को भी हो रहा है।
मेरा मानना है कि यदि हम किसान और ग्राहक में से बिचौलीए को निकाल दें तो हर इंसान बढ़िया और साफ-सफाई की वस्तुएं खा सकता है दूसरा किसान को अपनी फसल का सही मूल्य भी मिल जाएगा- करनबीर सिंह
भविष्य की योजना
वह चाहते हैं कि किसानों का समूह बनाकर वही फसलें उगाएं जिसकी खपत राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत मांग है।
संदेश
यदि कोई किसान खेती करता है तो उन्हें चाहिए कि खेती माहिरों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश पर चल कर ही रेह स्प्रे का प्रयोग करें, जितनी फसल के विकास के लिए जरुरत है।