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सरदार भरपूर सिंह

(फूलों की खेती)

भरपूर सिंह ने कृषि से लाभ कमाने के लिए फूलों की खेती का चयन किया

कृषि एक विविध क्षेत्र है और किसान कम भूमि में भी इससे अच्छा लाभ कमा सकते हैं, उन्हें सिर्फ खेती के आधुनिक ढंग और इसे करने के सही तरीकों से अवगत होने की अवश्यकता है। यह पटियाला के खेड़ी मल्लां गांव के एक साधारण किसान भरपूर सिंह की कहानी है, जो हमेशा गेहूं और धान की खेती से कुछ अलग करना चाहते थे।

भरपूर सिंह ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता सरदार रणजीत सिंह की खेती में मदद करने का फैसला किया, लेकिन बाकी किसानों की तरह वे गेहूं धान के चक्कर से संतुष्ट नहीं थे। हालांकि उन्होंने खेतों में अपने पिता की मदद की, लेकिन उनका दिमाग और आत्मा कुछ अलग करना चाहते थे।

1999 में, उन्होंने अपने परिवार के साथ गुरुद्वारा राड़ा साहिब का दौरा किया और गुलदाउदी के फूलों के कुछ बीज खरीदे और यही वह समय था जब उन्होंने फूलों की खेती के क्षेत्र में प्रवेश किया। शुरुआत में, उन्होंने जमीन के एक छोटे टुकड़े पर गुलदाउदी उगाना शुरू किया और समय के साथ उन्होंने पाया कि उनका उद्यम लाभदायक है इसलिए उन्होंने फूलों के खेती के क्षेत्र का विस्तार करने का फैसला किया।

समय के साथ, जैसे ही उनके बेटे बड़े हुए, तो वे अपने पिता के व्यवसाय में रुचि लेने लगे। अब भरपूर सिंह के दोनों पुत्र फूलों की खेती के व्यवसाय में समान रूप से व्यस्त रहते हैं।

फूलों की खेती
वर्तमान में, उन्होंने अपने खेत में चार प्रकार के फूल उगाए हैं – गुलदाउदी, गेंदा, जाफरी और ग्लैडियोलस। वे अपनी भूमि पर सभी आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं। वे 10 एकड़ में फूलों की खेती करते हैं। और कभी-कभी वे अन्य फसलों की खेती के लिए ज़मीन किराए पर भी ले लेते हैं।

बीज की तैयारी
खेती के अलावा उन्होंने जाफरी और गुलदाउदी के फूलों के बीज स्वंय तैयार करने शुरू किये, और वे हॉलैंड से ग्लैडियोलस और कोलकाता से गेंदे के बीज सीधे आयात करते हैं। बीज की तैयारी उन्हें एक अच्छा लाभ बनाने में मदद करती है, कभी-कभी वे फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बीज भी प्रदान करते हैं।

बागवानी में निवेश और लाभ
एक एकड़ में ग्लेडियोलस की खेती के लिए उन्होंने 2 लाख रूपये का निवेश किया है और बदले में उन्हें एक एकड़ ग्लैडियोलस से 4-5 लाख रुपये मिल जाते हैं, जिसका अर्थ लगभग 50% लाभ या उससे अधिक है।

मंडीकरण
वे मंडीकरण के लिए तीसरे व्यक्ति पर निर्भर नहीं हैं। वे पटियाला, नभा, समाना, संगरूर, बठिंडा और लुधियाना मंडी में अपनी उपज का मंडीकरण करते हैं। उनका ब्रांड नाम निर्माण फ्लावर फार्म है। कृषि से संबंधित कई कैंप बागवानी विभाग द्वारा उनके फार्म में आयोजित किए जाते हैं जिसमें कई प्रगतिशील किसान भाग लेते हैं और नियमित किसानों को फूलों की खेती के बारे में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है।

सरदार भरपूर सिंह डॉ.संदीप सिंह गरेवाल (बागवानी विभाग, पटियाला), डॉ कुलविंदर सिंह और डॉ.रणजीत सिंह (पी.ए.यू) को अपने सफल कृषि उद्यम का अधिकांश श्रेय देते हैं क्योंकि वे उनकी मदद और सलाह के बिना अपने जीवन में इस मुकाम तक न पहुँचते।

उन्होंने किसानों को एक संदेश दिया कि उन्हें अन्य किसानों के साथ मुकाबला करने के लिए कृषि का चयन नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें खुद के लिए और पूर्ण रुचि के साथ कृषि का चयन करना चाहिए, तभी वे मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।

एक छोटे से स्तर से शुरू करना और जीवन में सफलता को हासिल करना, भरपूर सिंह ने किसानों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में एक उदाहरण स्थापित की है जो फूलों की खेती को अपनाने की सोच रहे हैं।

संदेश
“मेरा किसानों को यह संदेश है कि उन्हें विविधीकरण के लाभों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। गेहूं और धान की खेती के दुष्चक्र से किसान बहुत सारे कर्जों में फंस गए हैं। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है और किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक रसायनों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। विविधीकरण ही एकमात्र तरीका है जिसके द्वारा किसान सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं और अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं। इसके अलावा, किसानों को अन्य किसानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कृषि का चयन नहीं करना चाहिए, बल्कि खुद के लिए और पूरी दिलचस्पी से कृषि का चयन करना चाहिए तभी वे अपनी इच्छा अनुसार मुनाफा कमाने के सक्षम होंगे।”