एक ऐसी महिला की कहानी जो फुलकारी पर काम करने वाले लोगों की कला को उजागर करके उन्हें अपना कल्चर दिखाने में मदद कर रही है
वे दिन चले गए जब महिलाएं केवल रसोई में काम करने के लिए बंधी थी और आर्थिक रूप से असहाय थी। पुराने समय में बहुत कम लोग थे जो इस बात को स्वीकार करते थे कि मेहनत, दिमाग और नेतृत्व के तौर पर महिलाएं पुरूषों के समान हैं।
आज भी कई महिलाएं ऐसी हैं जो खुद पर विश्वास करती हैं। उनका अपने काम के प्रति जुनून है और उनमें इतनी दिमागी शक्ति है, जिसका प्रयोग करके वे अपनी ज़िंदगी और व्यवसाय को अच्छे से संभाल सकती हैं। ऐसे ही रक्षा ढंड नाम की महिला हैं जो कि कर्मचारियों के साथ रचनात्मक फुलकारी के कौशल का प्रयोग करके एक सैल्फ हैल्प ग्रुप कम व्यवसाय का नेतृत्व कर रही हैं। वे नए डिज़ाइनों और नवीनता के साथ फुलकारी की कला को ज़िंदा रखने की कोशिश कर रही हैं।
रक्षा ढंड चमकौर साहिब के रहने वाली हैं और गेंदा सैल्फ हैल्प ग्रुप की अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह ग्रुप 2010 में 16 फुलकारी कर्मचारियों के साथ बनाया और जब उनके द्वारा बनाया गया फुलकारी हैंडीक्राफ्ट कलस्टर, विकास कमिश्नर हैंडीक्राफ्ट नई दिल्ली द्वारा मंज़ूर हो गया, फिर उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उन्होंने पंजाब की पारंपरिक हस्तकला को ऊपर उठाने में तेजी से शुरूआत की। मंजूरी मिलने के बाद NIFD के फैशन डिज़ाइनरों को विशेष तौर पर इस ग्रुप के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के लिए भेजा गया। इन कर्मचारियों को कुल 25 दिन की ट्रेनिंग दी गई और धीरे-धीरे उनके काम को प्रशंसा मिलने लगी। धीरे-धीरे ग्रुप के ग्राहक बढ़े और उन्होंने अच्छा लाभ कमाया। आज रक्षा ढंड की चमकौर साहिब फुलकारी हाउस के नाम से दुकान उसी शहर में हैं जहां वे रहती हैं और दुकान में गेंदा सैल्फ हैल्प ग्रुप द्वारा के तैयार किए गए उत्पाद बेचती हैं। उनका बेटा उनके काम, प्रदर्शनियों और सभी सम्मेलनों में उनका साथ देता है।
रक्षा ढंड की कोई मजबूरी, पारिवारिक दबाव या आर्थिक समस्या नहीं थी, जिसके कारण उन्होंने ये ग्रुप बनाया और उत्पाद बेचने शुरू किए। यह रक्षा ढंड का जुनून था कि वे फुलकारी के इतिहास और कल्चर को लोगों के सामने पेश करे और खुद आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने हमेशा अपने ग्रुप मैंबरों को प्रेरित किया और कर्मचारियों की मदद से फुलकारी की तकनीकों से सुंदर और आकर्षक डिज़ाइनों का प्रयोग करते हुए फुलकारी सूट, दुपट्टा, शॉल, जैकेट और अन्य उत्पाद बनाए।
वर्तमान में, रक्षा ढंड अपने संपूर्ण परिवार पति, दो बेटों और बहू सहित खुश रह रही हैं। दो बेटों में से छोटा बेटा ऑस्ट्रेलिया रहता है और बड़ा-हर्ष ढंड कारोबार में अपनी मां की मदद करता है। अपने गेंदा सैल्फ हैल्प ग्रुप के तहत वे अन्य महिलाओं को भी फुलकारी की कला सिखाती हैं ताकि वे फुलकारी बना सकें और आत्मनिर्भर हो सकें। वे लुधियाना से कच्चा माल खरीदती हैं और कर्मचारियों को देती हैं, जो दिन, रात आकर्षक फुलकारी उत्पाद बनाते हैं। रक्षा ढंड मौके पर उनका भुगतान करती हैं। वे ग्राहकों को उत्पादों के लिए इंतज़ार नहीं करवाती क्योंकि उनके तहत काम कर रहे कर्मचारी सभी महिलाएं हैं जो अच्छे परिवारों में से हैं और अपनी आजीविका भी चलाती हैं। वे अपने अधीन काम कर रही महिलाओं की स्थिति को समझती हैं और इसीलिए हमेशा उनके काम की सही कीमत देती हैं।
भविष्य की योजना:
भविष्य में वे अपने कारोबार को ओर बड़ा करने की योजना बना रही हैं और अपने दस्तकारी का काम लोगों के लिए बड़े स्तर पर उपलब्ध करवाती हैं। हाल ही में उन्होंने इंडिया मार्ट से संपर्क किया है ताकि वे उनके साथ डील कर सके और अपने उत्पादों को वैबसाइट के माध्यम से बेच सके।
रक्षा ढंड द्वारा संदेश
“हर महिला को आत्मनिर्भर होना चाहिए और वही करना चाहिए जो उसे पसंद है क्योंकि यदि आप अपने भविष्य को बनाना चाहते हैं तो आपको कोई रोक नहीं सकता। मैं अपने समाज में महिलाओं का भविष्य बनाने की कोशिश कर रही हूं। यदि आप भी ऐसा करने में सक्षम है तो उन गरीब महिलाओं की मदद करने में एक कदम आगे बढाएं जो गरीब वर्ग से आती हैं और उन्हें सिखाएं कि कैसे वे अपने कौशल का उपयोग करें और आत्म निर्भर बन सकें।”