ज्योति गभीर

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एक ऐसी महिला जिसने न केवल अपने लक्ष्यों के बारे में सपना देखा बल्कि उन्हें पाने और सफलता हासिल करने का साहस भी किया – ज्योति गंभीर

ज्योति गंभीर एक ऐसी महिला हैं जिनकी न केवल ख्वाहिश थीं बल्कि उन्हें हासिल करने और सफल होने का साहस भी था।
अगर सही समय पर सही दिशा में निर्देशित किया जाए, तो आपका जुनून आपको ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।  हम में से हर एक के लक्ष्य और इच्छाएं होती हैं, लेकिन हर किसी में उसे पाने का साहस नहीं होता है। असफल होने के डर से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकता है। फिर भी, कुछ ऐसे भी हैं जो कभी हार नहीं मानते।
ऐसी ही लुधियाना से एक महिला ज्योति गंभीर, जिन्होनें न केवल अपने शोक को एक व्यवसाय में बदलने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही, बल्कि दूसरों के लिए भी आदर्श बने।
ज्योति गंभीर जी हमेशा खाना पकाने की शौक़ीन थी और यही शौक उन्हें  ख़ुशी देता था, पर यह शौक उनका रसोई तक ही सिमित था फिर उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्हें लगा अब समय है जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का।

खाना बनाना मेरा शौक था और मैंने अपने परिवार के लिए घर पर अलग-अलग खाने की चीजें बनाई – ज्योति गंभीर

जैसा कि वे कहते हैं, ”जहाँ चाह होती है, वहाँ राह होती है।” ज्योति की बेटी lactose intolerance से पीड़ित थी और बाहर का खाना खाने के बाद अक्सर बीमार पड़ जाती थी। उसकी बेटी की बीमारी ने उन्हें मजबूत बनाया और उन्होंने अपनी बेटी के लिए ताजा बिस्कुट पकाना शुरू कर दिया, क्योंकि उसके बिस्कुट ग्लूटन और स्वादिष्ट थे। जोकि उनकी बेटी और परिवार ने खूब पसंद किये और उनकी तारीफ भी की। वह अपना खुद का काम शुरू करने के लिए प्रेरित हुई। उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को देने के लिए बिस्कुट बनाये। उनकी तरफ से बढ़िया प्रोत्साहन मिलने के बाद उन्होंने खुद में आशा की किरण जगाई और आगे बढ़ती गई। उसने प्रेरित महसूस किया और सोचा कि वह उन लोगों के लिए गुणवत्ता वाले बिस्कुट और बेकरी आइटम प्रदान कर सकती है जो ग्लूटेन एलर्जी, lactose intolerance से पीड़ित हैं। और जो ऑर्गनिक खाना पसंद करते हैं।
मैं अपनी नई शुरुआत को लेकर परिवार की मेरे प्रति प्रतिक्रिया के लिए बहुत उत्तेजित थी। उनके इस फैसले को उनके पति ने पूरा समर्थन दिया। समर्थन मिलने के बाद वह सातवें आसमान पर थी। वह इसके बारे में आशावादी थी। उसने सोचा कि उसने सभी चुनौतियों को पार कर लिया है और वह देख सकती है कि उसका रास्ता साफ हो गया है।
फिर उन्होंने खाना बनाने की ट्रेनिंग लेने के बारे में सोचा। जैसे ही उन्होंने अपनी रिसर्च शुरू की, उन्होंने अपने उत्पादों को “डिलीशियस बाइट्स” नाम से लेबल करना शुरू किया।  लुधियाना शहर में रहने के कारण उन्हें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू.)  से ट्रेनिंग की। उन्होंने पी.ए.यू. में अपनी ट्रेनिंग शुरू करने में एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया।

मैंने पी.ए.यू. में अपना प्रशिक्षण शुरू किया और फिर, बाद में, केक और कुकीज़ के लिए लिए घर से काम किया। —ज्योति गंभीर

अपना कोर्स पूरा करने के बाद, उन्होनें दिन में कुछ घंटे काम करना शुरू कर दिया। इस बीच, उनकी मुलाकात पी.ए.यू. के मार्केटिंग हेड डॉ. रमनदीप सिंह से हुई, जिन्होंने सफलता पाने में कई किसानों का मार्गदर्शन किया है और हमेशा उनकी सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। डॉ. सिंह,  ज्योति जी के काम से बहुत प्रभावित हुए, जब उन्होंने उन्हें अपनी खुद के लिए कुछ शुरू करने की उनकी आजीवन खोज के बारे में बताया।  उन्होनें उनमें दृढ़ संकल्प देखा। इसलिए, फिर उन्होंने ज्योति जी को पी.ए.यू. की सोशल मीडिया टीम से मिलवाया और उन्हें स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग आइडिया दिए।
डॉ. रमनदीप ने तब अपनी खेती ऐप पर ज्योति जी की पहल को बढ़ावा देने पर विचार किया और फिर अपनी खेती टीम ने ज्योति जी की कहानी को ओर लोगों तक  पहुंचाया।
ज्योति जी के पास इस पर अनगिनत प्रतिक्रियाएँ थीं, और उन्हें जल्द ही पूरे शहर से ग्राहकों से फोन आने लगे जो ऑर्डर देना चाहते थे। इस बीच पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्रोतों का उपयोग करते हुए, उन्होंने मार्केटिंग का अधिक ज्ञान प्राप्त करने के साथ ही अपने व्यवसाय का विस्तार करना शुरू कर दिया। कुछ हफ्तों के बाद, जब केक और कुकीज बनाने का उनका व्यवसाय अच्छी तरह से स्थापित हो गया, तो उन्होंने ओर अधिक उत्पादों का उत्पादन करने का निर्णय लिया।
जैसे ही डिलीशियस बाइट्स ने सफलता का रास्ता पकड़ा, ज्योति जी ने अपने उत्पादों को पैकेज और लेबल करना शुरू कर दिया।

वह इन उत्पादों में से 14-15 विभिन्न प्रकार के बेकरी उत्पाद बनाती है:

  • बिस्कुट
  • केक
  • ब्रेड
  • गुड़
  • गन्ना
  • जैम
  • स्क्वैश
बिस्कुट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री पूरी तरह से जैविक होती है। अन्य सामान जिनमें गुड़ शामिल हैं, वे हैं केक, ब्रेड और कई तरह के बिस्कुट। उसने एक कदम आगे बढ़ाया, फिर अन्य जैविक खेती करने वाले किसानों के साथ सम्पर्क बनाया और उनसे सीधे तौरआवश्यक सामग्री खरीदना शुरू कर दिया।
डॉ. रमनदीप ने ज्योति जी को अपना करियर बनाने में सहायता करके यह सब संभव किया।
वर्तमान में, ज्योति जी इंस्टाग्राम और फेसबुक पेजों पर ‘डिलिशियस बाइट्स’ की मार्केटिंग और प्रचार का प्रबंधन खुद करती हैं।
2019 में, उन्हें परिरक्षक मुक्त उत्पादों की एक बड़ी पहल करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-कृषि और संबद्ध क्षेत्र कायाकल्प (RKVY-RAFTAAR) के लिए लाभकारी दृष्टिकोण से 16 लाख रूपये से पुरस्कृत किया गया था।
ज्योति गंभीर 2021 में सेलिब्रेटिंग फार्मर्स एज इंटरनेशनल (C.F.E.I.) प्राइवेट लिमिटेड के साथ पार्टनर बन गए,  जहां वह कई किसानों को प्राकृतिक रूप से उगाए गए गन्ने की प्रोसेसिंग में गन्ना जैम और क्षारीय गन्ने के रस की चाय जैसे स्वस्थ उत्पादों में सहायता कर रही है। सी.एफ.ई.आई. कंपनी के माध्यम से पहले ही दो किसान हित समूह (एफ.आई.जी.) स्थापित कर चुके हैं,   उनके प्रौद्योगिकी भागीदार एस.बी.आई. कोयंबटूर और आई.आई.टी मुंबई की सहायता से इस साल के अंत तक 100 एफ.आई.जी. स्थापित करने का उनका लक्षण है।  ये किसान समूह समर्थन, शिक्षित और उन्हें अपने उत्पादों की मार्केटिंग करने में मदद करते हैं।

“वहां न जाए जहाँ रास्ता ले जा सकता है।” “बल्कि वहाँ जाओ जहाँ कोई रास्ता नहीं है और एक निशान छोड़ दो।”

हम सभी के सपने होते हैं, लेकिन कई उन्हें पूरा नहीं कर पाते। श्रीमती ज्योति गंभीर जी डिलीशियस बाइट्स की गर्वित ओनर हैं और C.F.E.I के साथ साझेदारी के तहत महाराष्ट्र में अपना पहला आउटलेट खोलकर अपने आजीवन सपने की खोज को पूरा करने में कामयाब रही है। वह इस साल अपने कारोबार का ओर विस्तार करने की योजना बना रही है और अपने इलाके लुधियाना में एक और आउटलेट खोल रही है।
यह सब एक होम बेकरी, बेकिंग केक और कुकीज और ऑर्डर देने के साथ शुरू हुआ। उसने धीरे-धीरे लोगों की विभिन्न प्रकार की पसंद की चीजों के बारे में जाना और शाकाहारी और ग्लूटन मुक्त उत्पादों को बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रति दिन 15 यूनिट बेचने से लेकर प्रतिदिन 1,000 यूनिट बेचे और अपना खुद का ब्रांड लॉन्च किया।
जैसा वे कहते हैं, “सपने तब तक काम नहीं करते जब तक आप नहीं करते।”
2021 में, भारत सरकार ने दुबई एक्सपो इंडिया पवेलियन में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए पंजाब की एक प्रिजर्वेटिव और केमिकल-फ्री बेकरी, डिलीशियस बाइट्स,को चुना।

भविष्य की योजना

वह अपने व्यवसाय को इस हद तक बढ़ाना चाहती है कि वह एक छत के नीचे अपने उत्पादों का पैकेज और मर्केटिंग करने में सक्षम हो।

संदेश

हर महिला को अपने सपनों को पूरा करना चाहिए अगर व्यक्ति पूरी तरह से दृढ़ संकल्प और जुनूनी है तो उन लक्ष्यों को पूरा करने की कोई सीमा नहीं है।

खुशपाल सिंह

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खेती के साथ साथ गन्ने से ज़हर—मुक्त गुड़—शक्कर तैयार करके बढ़िया कमाई करने वाला किसान

हमारे देश में खेती करने वाले परिवारों में रवायती खेती का रूझान ज्यादा है। पर कुछ किसान ऐसे भी हैं जो समय के साथ बदल रहे हैं और खेती के व्यवसाय को और भी लाभदायक व्यवसाय बनाकर अन्य किसानों में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। यह कहानी भी एक ऐसे किसान की है जिसने रवायती खेती के साथ साथ कुछ अलग करने के बारे में सोचा और अपनी मेहनत और लगन से अपनी एक अलग पहचान बनायी।

पंजाब के जिला संगरूर के गांव मानां के किसान खुशपाल सिंह के पिता सरदार जियून सिंह जी 22 एकड़ ज़मीन पर रवायती खेती करते थे। किसानी परिवार में पैदा हुए खुशपाल सिंह का भी खेती की तरफ ही रूझान था। पिता के अचानक देहांत के बाद खेती की सारी जिम्मेवारी खुशपाल जी के कंधों पर आ गई। जब खुशपाल जी ने खेती करनी शुरू की तो उन्होंने रवायती खेती के साथ साथ अन्य फसलें जैसे सरसों, हल्दी, धान, बासमती, आलू, मक्की और गन्ना आदि की खेती करनी भी शुरू कर दी। समय बीतने पर उन्होने खेती के साथ ही मधु—मक्खी पालन और डेयरी फार्मिंग का काम करना भी शुरू कर दिया। मधु—मक्खी के काम में वह शहद की मक्खियों को राजस्थान, अफगानगढ़ आदि इलाकों में लेकर जाते थे, पर कुछ समय बाद कुछ कारणों के कारण उन्हें मधु—मक्खी पालन का व्यवसाय छोड़ना पड़ा।

फिर खुशपाल जी ने सोचा कि क्यों ना अपने खेती के काम के साथ ही कुछ अलग किया जाए। इसलिए उन्होंने अपने खेतों में गन्ने की खेती करनी शुरू की। गन्ने की खेती के बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए उन्होंने पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना और के.वी.के. रौणी (पटियाला) से ट्रेनिंग भी ली।

धीरे — धीरे उन्होंने गन्ने से गुड़ तैयार करना शुरू कर दिया। उनकी तरफ से तैयार किए गए गुड़ को लोगों की तरफ से बहुत पसंद किया जाने लगा। लोगों की मांग पर उन्होंने गुड़ से शक्कर और अन्य उत्पाद तैयार करने भी शुरू कर दिए। इसके बाद खुशपाल जी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए मेहनत करनी शुरू कर दिया। खुशपाल जी की मेहनत से आस—पास के गांव के लोग भी उन्हें जानने लगे।

हम गन्ने की फसल में खादों का प्रयोग पी ए यू की तरफ से सिफारिश मात्रा के अनुसार ही करते हैं और इससे तैयार गुड़ पूरी तरह रसायन—मुक्त होता है और इसमें किस भी तरह का रंग नहीं मिलाया जाता — खुशपाल सिंह
खुशपाल सिंह जी के द्वारा तैयार किये हुए उत्पादों की सूची:
  • साधारण गुड़
  • शक्कर
  • सौंफ वाला गुड़
  • अलसी का चूरा
  • तिल वाली टिक्की
  • ड्राई फ्रूट वाला गुड़
  • मेडीकटेड गुड़
  • आम हल्दी गुड़

अपने द्वारा तैयार किए इन उत्पादों को बेचने के लिए वे पटियाला — संगरूर रोड पर “ज़िमीदारा घुलाड़ सराओ और गिल” के नाम से घुलाड़ चला रहे हैं। दूर — दूर से लोग उनसे गुड़ और अन्य उत्पाद खरीदने के लिए आते हैं।उनके बहुत सारे ग्राहक उनसे अपनी मांग के आधार पर भी गुड़ तैयार करवाते हैं। घुलाड़ के अलावा वे किसान मेलों में भी अपना स्टॉल लगाते हैं और ग्राहकों से मिल रहा प्रोत्साहन उन्हें और भी अच्छी क्वालिटी के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रेरित करता है।

इस पूरे कारोबार में खुशपाल जी को अपने पारिवारिक सदस्यों की तरफ से पूरा सहयोग मिलता है, जिनमें से उनका भाई हरबख्श सिंह हर समय उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होता है।

हमारी घुलाड़ पर आकर कोई भी अपनी पसंद और मांग के आधार पर पास खड़ा होकर गुड़ तैयार सकता है। — खुशपाल सिंह
भविष्य की योजना

खुशपाल जी भविष्य में अपने उत्पादों की सूची और बड़ी करना चाहते हैं और अच्छी पैकिंग के द्वारा मार्केट में उतारना चाहते हैं।


संदेश
“नौजवानों को पढ़—लिखकर नौकरी करने के साथ साथ खेती के क्षेत्र में भी सहयोग देना चाहिए। हमें इस सोच को मन में से निकाल देना चाहिए कि खेती पिछड़े वर्ग का व्यवसाय है। आज—कल बहुत सारे नौजवान खेती में भी नाम कमा रहे हैं। किसानों को खेती के साथ—साथ मंडीकरण भी स्वयं करना चाहिए।”