सुरभी गुप्ता त्रेहन

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एक ऐसी महिला जो खुद समस्याओं से लड़कर दूसरों को सेहत के लिए प्रेरित कर रही है

कठिनाइयाँ हमेशा हर इंसान के रास्ते में आती हैं, लेकिन उस समय हारने की जगह हिम्मत दिखाने की जरुरत होती है, जो इंसान को उस रास्ते की तरफ लेकर जाती है जहां से उसे अपनी मंजिल नजदीक लगती है। फिर वह अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए इतनी कोशिश करता है जिससे परमात्मा भी उसका पूरा साथ देता है।

जिसकी बात करने जा रहे हैं उनका नाम सुरभी गुप्ता त्रेहन है, जो लुधियाना ज़िले के रहने वाले हैं। जिन्होंने लोगो की सेहत को स्वास्थ्य करने के बारे सोचा और उसे पूरा करने में सफल भी हुए। उन्होंने ने पहले घर में सोचा कि इसके लिए क्या किया जा सकता है, जिससे लोग पैकेट वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें जिसमें मिलावट होती है और उससे लोगों का बचाव किया जा सके। इस कोशिश को जारी रखते वह फिर अपनी मंजिल की तरफ चल पड़े।

कुछ समय पहले वह अपने आप को बहुत कमजोर महसूस कर रहे थे फिर थोड़े समय बाद पता चला कि उन्हें एनीमिया नाम की बीमारी है, जो खून की कमी के कारण होती है। इस दौरान उन्होंने बहुत सी अंग्रेजी दवाइयों का सेवन किया, जितना समय उन्होंने दवाइयों का प्रयोग किया उतना समय तो ठीक रहते और दवाई बंद करने पर फिर से समस्या आनी शुरू हो जाती।

कई साल दवाई खाने के बाद वह सोचने लगे कि अब क्या किया जाए। परिणामस्वरूप यह देखा गया कि उनकी बीमारी का कारण सही खुराक की कमी है या फिर स्प्रे वाली खुराक खाने का असर है।

उन्होंने रिसर्च करनी शुरू कर दी और जाँच की कि रागी और मिल्ट में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में डाला जाता है, इसलिए इसका सेवन करना शुरू कर दिया और इसका असर बीमारी और सेहत पर भी दिखाई देता है।

इसके बारे में उन्होंने तब सोचा जब उनकी सेहत पर फर्क पड़ा और उन्होंने फिर से शुरू करने के बारे में सोचा और कहते हैं

जिस तन लागे वो तन जानें

फिर मैंने अपनी माता जी के साथ बात की और काम करना शुरू कर दिया- सुरभी गुप्ता त्रेहन

पहली बार उन्होंने रागी और विटामिन्स को मिलाकर रागी मिल्ट बनाया, जिससे उनका काम तो शुरू हो गया पर उनके सामने बहुत सी मुश्किलें आई। पहले उन्हें मार्केटिंग के बारे में कुछ भी नहीं पता था कि मार्केटिंग कैसे करनी है और पैसे की कमी के कारण भी बहुत सी मुश्किलें आई। पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने काम को जारी रखा।

धीरे-धीरे उन्होंने छोटे स्तर पर उत्पाद बनाने शुरू कर दिए पर मार्केटिंग की समस्या अभी भी उनके सामने आ रही थी। पर कहते हैं इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, जब भी कभी इंसान हिम्मत हारने लग जाए उसे धरती से दिवार पर चढते कीड़ों की तरफ देखना चाहिए, कैसे वह बार बार गिर कर चढ़ने की कोशिश करते रहते हैं और हिम्मत नहीं हारते। इस तरह इंसान को बिना थके मेहनत करते रहना चाहिए।

मुझे मार्केटिंग के बारे में जानकारी नहीं थी- सुरभी गुप्ता त्रेहन

वह मार्केटिंग की समस्या का समाधान करने के लिए रिसर्च करने लगे और इस दौरान उन्होंने बहुत से आर्टिकल, जो कि सेहत से संबंधित होते थे उन्हें बहुत पढ़ा। पढ़ने का फायदा यह हुआ कि उन्हें वहां से मार्केटिंग के बारे जानकारी मिली और सेहत कैसे स्वास्थ्य रखी जाए।

उनके दिमाग में यह बात बैठ गई। उनके लिए लुधियाना शहर में रहना एक सुनहरी मौका बन गया क्योंकि लुधियाना के लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं और रोज सुबह सैर के लिए पार्क में आते हैं। इस मौके का लाभ उठाने के लिए वह अपने उत्पाद को पार्क में ले जाते और अपने उत्पाद के बारे में लोगों को जानकारी देते।

इसके बारे में वह चिंतित थे पर कहते हैं यदि आप किसी का भला करने की कोशिश करते हैं या भला मांगते हैं तो भगवान भी खुद उनकी मदद करने के लिए आगे आ जाता है। जब उन्होंने लोगों को उत्पाद और उसके फायदे के बारे में बताना शुरू किया तो बहुत से लोग यकीन करने लगे और लोगों ने उत्पाद लेने शुरू कर दिए। इस तरह धीरे-धीरे उनके उत्पाद की मार्केटिंग होनी शुरू हो गई।

जब वह मार्केटिंग कर रहे थे तो उनकी जान पहचान डॉ. रमनदीप सिंह जी के साथ हुई जो पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी में खेती व्यापार विषय के प्रोफेसर हैं और अभी तक बहुत से किसानों की सहायता कर चुके हैं और किसानों की सहायता करने से पीछे नहीं हटते। डॉ. रमनदीप सिंह जी के साथ बहुत से प्रगतिशील किसान जुड़ें हैं। फिर डॉ. रमनदीप सिंह जी सुरभी जी को मार्केटिंग के बारे में जानकारी दी और इसके साथ तजिंदर सिंह रिआड़ जी उन्हें किसानों के साथ मिलवाया। जिससे उन्हें पहचान मिली और दिनों दिन मार्केटिंग भी होने लगी।

सुरभी गुप्ता जी ने साथ 2020 में निश्चित तौर पर इस काम को बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया और इसके साथ साथ वह कई तरह के उत्पाद भी बनाने लग पड़े। जिसमें गुड़, काली मिर्च और अशवगंधा डालकर टर्मेरिक सुपर ब्लेंडेड नाम का ड्रिंक मिक्स बनाया, जोकि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, जिसे बच्चे से लेकर हर कोई इस ड्रिंक का प्रयोग कर सकता है। जिसे मैपिक फ़ूड ब्रांड के तहत बेचना शुरू कर दिया, इसके इलावा वह 5 से 6 तरह के उत्पाद बनाते हैं।

उनके द्वारा तैयार किए जाते उत्पाद-

  • टर्मेरिक सुपर ब्लेंडेड
  • मिल्ट बिस्कुट
  • रागी हेल्थ मिक्स

सभी उत्पाद की पैकिंग, लेबलिंग करने के लिए सुरभी गुप्ता ने से स्टोर बनाया है, जहां सारा काम उनकी देख-रेख में होता है, ड्रिंक बनाने के समय किसी भी केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता और उत्पादों की प्रोसेसिंग के लिए फसलें भी सीधी किसानों से खरीदते हैं।

वह अपने उत्पाद की मार्केटिंग किसान मेले और ओर अलग-अलग खेती के समागमों में जा कर करते हैं। इसके इलावा वह फेसबुक ओर इंस्टाग्राम द्वारा भी अपने उत्पादों का मंडीकरण करते हैं जहां पर उन्हें बहुत प्रतिक्रिया मिलती है।

भविष्य की योजना

वह उत्पादों की मार्केटिंग बड़े स्तर पर करना चाहते हैं और इसके साथ साथ वह इसकी मार्केटिंग ऑनलइन तरीके से करना चाहते हैं । जिससे उनके उत्पादों की विक्री बड़े स्तर पर हो सके, दूसरा लोगों में इसकी महत्ता बढ़ सके।

संदेश

यदि हम बाहर के बने उत्पाद छोड़ कर प्राकृतिक पदार्थ से बनाये गए उत्पादों की तरफ ध्यान दें तो इससे हमारी सेहत भी स्वास्थ्य रहेगी और साथ ही कई बिमारियों से बचाव रहेगा।

ज्योति गभीर

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एक ऐसी महिला जिसने न केवल अपने लक्ष्यों के बारे में सपना देखा बल्कि उन्हें पाने और सफलता हासिल करने का साहस भी किया – ज्योति गंभीर

ज्योति गंभीर एक ऐसी महिला हैं जिनकी न केवल ख्वाहिश थीं बल्कि उन्हें हासिल करने और सफल होने का साहस भी था।
अगर सही समय पर सही दिशा में निर्देशित किया जाए, तो आपका जुनून आपको ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।  हम में से हर एक के लक्ष्य और इच्छाएं होती हैं, लेकिन हर किसी में उसे पाने का साहस नहीं होता है। असफल होने के डर से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकता है। फिर भी, कुछ ऐसे भी हैं जो कभी हार नहीं मानते।
ऐसी ही लुधियाना से एक महिला ज्योति गंभीर, जिन्होनें न केवल अपने शोक को एक व्यवसाय में बदलने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही, बल्कि दूसरों के लिए भी आदर्श बने।
ज्योति गंभीर जी हमेशा खाना पकाने की शौक़ीन थी और यही शौक उन्हें  ख़ुशी देता था, पर यह शौक उनका रसोई तक ही सिमित था फिर उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्हें लगा अब समय है जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का।

खाना बनाना मेरा शौक था और मैंने अपने परिवार के लिए घर पर अलग-अलग खाने की चीजें बनाई – ज्योति गंभीर

जैसा कि वे कहते हैं, ”जहाँ चाह होती है, वहाँ राह होती है।” ज्योति की बेटी lactose intolerance से पीड़ित थी और बाहर का खाना खाने के बाद अक्सर बीमार पड़ जाती थी। उसकी बेटी की बीमारी ने उन्हें मजबूत बनाया और उन्होंने अपनी बेटी के लिए ताजा बिस्कुट पकाना शुरू कर दिया, क्योंकि उसके बिस्कुट ग्लूटन और स्वादिष्ट थे। जोकि उनकी बेटी और परिवार ने खूब पसंद किये और उनकी तारीफ भी की। वह अपना खुद का काम शुरू करने के लिए प्रेरित हुई। उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को देने के लिए बिस्कुट बनाये। उनकी तरफ से बढ़िया प्रोत्साहन मिलने के बाद उन्होंने खुद में आशा की किरण जगाई और आगे बढ़ती गई। उसने प्रेरित महसूस किया और सोचा कि वह उन लोगों के लिए गुणवत्ता वाले बिस्कुट और बेकरी आइटम प्रदान कर सकती है जो ग्लूटेन एलर्जी, lactose intolerance से पीड़ित हैं। और जो ऑर्गनिक खाना पसंद करते हैं।
मैं अपनी नई शुरुआत को लेकर परिवार की मेरे प्रति प्रतिक्रिया के लिए बहुत उत्तेजित थी। उनके इस फैसले को उनके पति ने पूरा समर्थन दिया। समर्थन मिलने के बाद वह सातवें आसमान पर थी। वह इसके बारे में आशावादी थी। उसने सोचा कि उसने सभी चुनौतियों को पार कर लिया है और वह देख सकती है कि उसका रास्ता साफ हो गया है।
फिर उन्होंने खाना बनाने की ट्रेनिंग लेने के बारे में सोचा। जैसे ही उन्होंने अपनी रिसर्च शुरू की, उन्होंने अपने उत्पादों को “डिलीशियस बाइट्स” नाम से लेबल करना शुरू किया।  लुधियाना शहर में रहने के कारण उन्हें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू.)  से ट्रेनिंग की। उन्होंने पी.ए.यू. में अपनी ट्रेनिंग शुरू करने में एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया।

मैंने पी.ए.यू. में अपना प्रशिक्षण शुरू किया और फिर, बाद में, केक और कुकीज़ के लिए लिए घर से काम किया। —ज्योति गंभीर

अपना कोर्स पूरा करने के बाद, उन्होनें दिन में कुछ घंटे काम करना शुरू कर दिया। इस बीच, उनकी मुलाकात पी.ए.यू. के मार्केटिंग हेड डॉ. रमनदीप सिंह से हुई, जिन्होंने सफलता पाने में कई किसानों का मार्गदर्शन किया है और हमेशा उनकी सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। डॉ. सिंह,  ज्योति जी के काम से बहुत प्रभावित हुए, जब उन्होंने उन्हें अपनी खुद के लिए कुछ शुरू करने की उनकी आजीवन खोज के बारे में बताया।  उन्होनें उनमें दृढ़ संकल्प देखा। इसलिए, फिर उन्होंने ज्योति जी को पी.ए.यू. की सोशल मीडिया टीम से मिलवाया और उन्हें स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग आइडिया दिए।
डॉ. रमनदीप ने तब अपनी खेती ऐप पर ज्योति जी की पहल को बढ़ावा देने पर विचार किया और फिर अपनी खेती टीम ने ज्योति जी की कहानी को ओर लोगों तक  पहुंचाया।
ज्योति जी के पास इस पर अनगिनत प्रतिक्रियाएँ थीं, और उन्हें जल्द ही पूरे शहर से ग्राहकों से फोन आने लगे जो ऑर्डर देना चाहते थे। इस बीच पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्रोतों का उपयोग करते हुए, उन्होंने मार्केटिंग का अधिक ज्ञान प्राप्त करने के साथ ही अपने व्यवसाय का विस्तार करना शुरू कर दिया। कुछ हफ्तों के बाद, जब केक और कुकीज बनाने का उनका व्यवसाय अच्छी तरह से स्थापित हो गया, तो उन्होंने ओर अधिक उत्पादों का उत्पादन करने का निर्णय लिया।
जैसे ही डिलीशियस बाइट्स ने सफलता का रास्ता पकड़ा, ज्योति जी ने अपने उत्पादों को पैकेज और लेबल करना शुरू कर दिया।

वह इन उत्पादों में से 14-15 विभिन्न प्रकार के बेकरी उत्पाद बनाती है:

  • बिस्कुट
  • केक
  • ब्रेड
  • गुड़
  • गन्ना
  • जैम
  • स्क्वैश
बिस्कुट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री पूरी तरह से जैविक होती है। अन्य सामान जिनमें गुड़ शामिल हैं, वे हैं केक, ब्रेड और कई तरह के बिस्कुट। उसने एक कदम आगे बढ़ाया, फिर अन्य जैविक खेती करने वाले किसानों के साथ सम्पर्क बनाया और उनसे सीधे तौरआवश्यक सामग्री खरीदना शुरू कर दिया।
डॉ. रमनदीप ने ज्योति जी को अपना करियर बनाने में सहायता करके यह सब संभव किया।
वर्तमान में, ज्योति जी इंस्टाग्राम और फेसबुक पेजों पर ‘डिलिशियस बाइट्स’ की मार्केटिंग और प्रचार का प्रबंधन खुद करती हैं।
2019 में, उन्हें परिरक्षक मुक्त उत्पादों की एक बड़ी पहल करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-कृषि और संबद्ध क्षेत्र कायाकल्प (RKVY-RAFTAAR) के लिए लाभकारी दृष्टिकोण से 16 लाख रूपये से पुरस्कृत किया गया था।
ज्योति गंभीर 2021 में सेलिब्रेटिंग फार्मर्स एज इंटरनेशनल (C.F.E.I.) प्राइवेट लिमिटेड के साथ पार्टनर बन गए,  जहां वह कई किसानों को प्राकृतिक रूप से उगाए गए गन्ने की प्रोसेसिंग में गन्ना जैम और क्षारीय गन्ने के रस की चाय जैसे स्वस्थ उत्पादों में सहायता कर रही है। सी.एफ.ई.आई. कंपनी के माध्यम से पहले ही दो किसान हित समूह (एफ.आई.जी.) स्थापित कर चुके हैं,   उनके प्रौद्योगिकी भागीदार एस.बी.आई. कोयंबटूर और आई.आई.टी मुंबई की सहायता से इस साल के अंत तक 100 एफ.आई.जी. स्थापित करने का उनका लक्षण है।  ये किसान समूह समर्थन, शिक्षित और उन्हें अपने उत्पादों की मार्केटिंग करने में मदद करते हैं।

“वहां न जाए जहाँ रास्ता ले जा सकता है।” “बल्कि वहाँ जाओ जहाँ कोई रास्ता नहीं है और एक निशान छोड़ दो।”

हम सभी के सपने होते हैं, लेकिन कई उन्हें पूरा नहीं कर पाते। श्रीमती ज्योति गंभीर जी डिलीशियस बाइट्स की गर्वित ओनर हैं और C.F.E.I के साथ साझेदारी के तहत महाराष्ट्र में अपना पहला आउटलेट खोलकर अपने आजीवन सपने की खोज को पूरा करने में कामयाब रही है। वह इस साल अपने कारोबार का ओर विस्तार करने की योजना बना रही है और अपने इलाके लुधियाना में एक और आउटलेट खोल रही है।
यह सब एक होम बेकरी, बेकिंग केक और कुकीज और ऑर्डर देने के साथ शुरू हुआ। उसने धीरे-धीरे लोगों की विभिन्न प्रकार की पसंद की चीजों के बारे में जाना और शाकाहारी और ग्लूटन मुक्त उत्पादों को बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रति दिन 15 यूनिट बेचने से लेकर प्रतिदिन 1,000 यूनिट बेचे और अपना खुद का ब्रांड लॉन्च किया।
जैसा वे कहते हैं, “सपने तब तक काम नहीं करते जब तक आप नहीं करते।”
2021 में, भारत सरकार ने दुबई एक्सपो इंडिया पवेलियन में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए पंजाब की एक प्रिजर्वेटिव और केमिकल-फ्री बेकरी, डिलीशियस बाइट्स,को चुना।

भविष्य की योजना

वह अपने व्यवसाय को इस हद तक बढ़ाना चाहती है कि वह एक छत के नीचे अपने उत्पादों का पैकेज और मर्केटिंग करने में सक्षम हो।

संदेश

हर महिला को अपने सपनों को पूरा करना चाहिए अगर व्यक्ति पूरी तरह से दृढ़ संकल्प और जुनूनी है तो उन लक्ष्यों को पूरा करने की कोई सीमा नहीं है।