कपास की खेती

आम जानकारी

जलवायु

  • Season

    Temperature

    15-35°C
  • Season

    Sowing Temperature

    25-35°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    15-25°C
  • Season

    Rainfall

    55-100 cm
  • Season

    Temperature

    15-35°C
  • Season

    Sowing Temperature

    25-35°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    15-25°C
  • Season

    Rainfall

    55-100 cm
  • Season

    Temperature

    15-35°C
  • Season

    Sowing Temperature

    25-35°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    15-25°C
  • Season

    Rainfall

    55-100 cm

मिट्टी

इसे हर तरह की मिट्टी, जिसकी पी एच दर 6-8 होती है, में उगाया जा सकता है। इस फसल की पैदावार के लिए गहरी, नर्म, अच्छे निकास वाली और उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। कपास की बिजाई के लिए रेतली, खारी या जल जमाव वाली ज़मीने ठीक नहीं होती। मिट्टी की गहराई 20-25 सैं.मी. से कम नहीं होनी चाहिए।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

ज़मीन की तैयारी

फसल की अच्छी पैदावार  और विकास के लिए ज़मीन को अच्छी तरह तैयार करना जरूरी होता है। रबी की फसल को काटने के बाद तुरंत खेत को पानी लगाना चाहिए। इसके बाद खेत की हल से अच्छी तरह जोताई करें और फिर सुहागा फेर दें। ज़मीन को तीन वर्षों में एक बार गहराई तक जोतें, इससे सदाबहार नदीनों की रोकथाम में मदद मिलती है और इससे मिट्टी में पैदा होने वाले कीड़ों और बीमारियों को भी रोका जा सकता है।

बिजाई

बीज

खाद

खरपतवार नियंत्रण

सिंचाई

पौधे की देखभाल

कमी और इसका इलाज

फसल की कटाई

जब टिंडे पूरी तरह खिल जायें तो रूई की चुगाई करें। सूखे टिंडों की चुगाई करें, रूई सूखे हुए पत्तों के बिना ही चुगें। खराब टिंडों को अलग से चुगें और बीज के तौर पर प्रयोग करने के लिए रखें। पहली और आखिरी चुगाई आमतौर पर कम क्वालिटी की होती है, इसलिए इसे अच्छा लाभ लेने के लिए बाकी की फसल के साथ ना मिलाएं। चुगे हुए टिंडे साफ-सुथरे और सूखे हुए होने चाहिए। चुगाई ओस सूखने के बाद करें। चुगाई हर 7-8 दिनों के बाद लगातार करें, ताकि रूई के धरती पर गिरने से पहुंचाने वाली नुकसान से बचाया जा सके। अमेरिकन कपास को 15-20 दिनों और देसी कपास को 8-10 दिनों के फासले पर चुगें। चुगे हुए टिंडों को मंडी ले जाने से पहले अच्छी तरह साफ करें।

कटाई के बाद

चुगाई के बाद भेड़ों, बकरियों और अन्य जानवरों को कपास के खेतों में चरने के लिए छोड़ दें ताकि ये जानवर सुंडियों से प्रभावित टिंडों और पत्तों को खा सकें। आखिरी चुगाई के बाद छटियों को जड़ों सहित उखाड़ दें। सफाई रखने के लिए पौधों के बाकी बचे कुचे को मिट्टी में दबा दें। छटियां बांधने से पहले बंद टिंडों को धरती पर मारकर या तोड़कर अलग कर दें और जला  दें ताकि सुंडी के लार्वे को नष्ट किया जा सके। चुगाई के बाद छटियों को उखाड़ने के लिए दो खालियां बनाने वाले ट्रैक्टर से जोताई करें।

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