भारत में तीन प्रकार के खुम्ब को उगाया जा सकता है।
बटन खुम्ब
इस किस्म को पूरे विश्व में उगाया जाता है और पूरे वर्ष उगाया जा सकता है, सफेद बटन खुम्ब में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है। इसका ताजा और डिब्बा बंद उपभोग किया जा सकता है। इसकी औषधीय विशेषताएं हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, आंध्रा प्रदेष, तामिलनाडू और कर्नाटक मुख्य खुम्ब उगाने वाले राज्य हैं।
यू पी में खुम्ब को उगाने के लिए नवंबर से मार्च का महीना उपयुक्त होता है। अच्छी वृद्धि के लिए इसे 22-25 डिगरी सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है और खुम्ब निकलते समय इसे 14-18 डिगरी सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
स्ट्रॉ खुम्ब
यह पूरे विश्व में उगाई जाने वाली तीसरी सबसे प्रसिद्ध किस्म है। इसे कपास के व्यर्थ मिश्रण के साथ पराली की छोटी मात्रा के ऊपर उगाया जाता है। यह छोटे आकार की खुम्ब होती हैं जो कि कोण के आकार की होती हैं। इसकी टोपी ऊपर से गहरे भूरे रंग की होती है। भारत में इसकी तीन प्रजातियां हैं V. diplasia, V. volvacea and V. esculenta इन प्रजातियों के अलावा उत्तर प्रदेश में Volvariella volvacea की खेती की जाती है।
इसे “चाइनीज़” या “पैडी” खुम्ब के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें बड़े स्तर पर उष्णकटिबंधीय और उपउष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। इन्हें 35 डिगरी सेल्सियस के तापमान पर उगाया जा सकता है। इस किस्म की खुम्ब की खेती के लिए अप्रैल से सितंबर का समय उपयुक्त होता है।
ओइस्टर खुम्ब या ढींगरी खुम्ब
यह सामान्य और खाने योग्य खुम्ब है। इसका गुद्दा नर्म, मखमली बनावट और अच्छा स्वाद होता है। यह प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी1 से बी 12 का उच्च स्त्रोत है। इस किस्म की सभी प्रजातियां और किस्में खाने योग्य हैं सिर्फ P. olearius और P. nidiformis को छोड़कर, ये ज़हरीली होती हैं। उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्रा प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल और उत्तर पूर्व के पहाड़ी क्षेत्र मुख्य राज्य हैं जो खुम्ब का उत्पादन करते हैं।
इस खुम्ब को उगाने का उपयुक्त समय अक्तूबर से मार्च तक का है। यह 20-30 डिगरी सेल्सियस तापमान के साथ 80-85 प्रतिशत आर्द्रता को सहने योग्य है।