आम जानकारी
कलिहारी को ग्लोरिओसा सुपर्बा के नाम से भी जाना जाता है| यह एक जड़ी-बूटी वाली फसल है जो बेल की तरह बढ़ती है| इसकी जमीन की निचली गांठे, पत्ते, बीज और जड़ें दवाइयाँ बनाने के लिए प्रयोग में लायी जाती है| कलिहारी से तैयार दवाइयों से जोड़ों का दर्द, एंटीहेलमैथिक, ऐंटीपेट्रिओटिक के ईलाज के लिए और पॉलीप्लोइडी को ठीक करने के लिए प्रयोग में लायी जाती है| कलिहारी को कई तरह के टॉनिक और पीने वाली दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है| इस पौधे की औसतन ऊंचाई 3.5-6 मीटर होती है| इसके पत्ते 6-8 इंच लम्बे और डंठलों के बिना होते है| इसके फूल हरे रंग के और फल 2 इंच लम्बे होते है| इसके बीज गिनती में ज्यादा और घने होते है| अफ्रीका, ऐशिया, यू.एस.ऐ और श्री-लंका मुख्य रूप में कलिहारी उगाने वाले क्षेत्र है| भारत में तमिलनाडु और कर्नाटक इसके मुख्य क्षेत्र है|