खादें(किलोग्राम प्रति एकड़)
फसल की उम्र |
गली-सड़ी रूड़ी की खाद(किलो प्रति पौधा) |
यूरिया(ग्राम प्रति पौधा) |
1से 3 साल |
5-20 |
100-300 |
4 से 6 साल |
25-50 |
400-500 |
7 से 9 साल |
60-90 |
600-800 |
10 साल या इससे ज्यादा |
100 |
800-1600 |
तत्व(किलोग्राम प्रति एकड़)
फसल की उम्र |
गली-सड़ी रूड़ी की खाद(किलो प्रति पौधा) |
नाइट्रोजन(ग्राम प्रति पौधा) |
1से 3 साल |
5-20 |
50-150 |
4 से 6 साल |
25-50 |
200-250 |
7 से 9 साल |
60-90 |
300-400 |
10 साल या इससे ज्यादा |
100 |
400-800 |
फसल के 1-3 वर्ष की हो जाने पर, अच्छी तरह से गला हुए गाय का गोबर 5-20 किलो और युरिया 100-300 ग्राम प्रति वृक्ष में डालें। 4-6 वर्ष की फसल में, अच्छी तरह से गला हुआ गाय का गोबर 25-50 किलो और युरिया 100-300 ग्राम प्रति वृक्ष में डालें। 7-9 वर्ष की फसल में यूरिया 60-800 ग्राम और गाय का गला हुआ गोबर 60-90 किलो प्रति वृक्ष में डालें। जब फसल 10 वर्ष की या इससे ज्यादा की हो जाए तो गाय का गला हुआ गोबर 100 किलो या यूरिया 800-1600 ग्राम प्रति वृक्ष में डालें।
गाय के गले हुए गोबर की पूरी मात्रा दिसंबर महीने के दौरान डालें जबकि यूरिया के दो हिस्से, पहला फरवरी महीने में और दूसरा अप्रैल-मई के महीने में डालें। यूरिया की पहली खुराक के समय सिंगल सुपर फासफेट खाद की पूरी मात्रा डालें।
यदि पकने से पहले फलों का गिरना दिखाई दे तो फलों के ज्यादा गिरने को रोकने के लिए 2,4-D 10 ग्राम को 100 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। पहली स्प्रे मार्च के अंत में, फिर अप्रैल के अंत में करें। अगस्त और सितंबर के अंत में दोबारा स्प्रे करें। यदि सिटरस के नज़दीक कपास की फसल उगाई गई हो तो 2,4-D की स्प्रे करने से परहेज़ करें, इसकी जगह GA3 की स्प्रे करें।