पंजाब में जंतर फसल का उत्पादन

आम जानकारी

यह हरी खाद के तौर पर ज्यादातर प्रयोग होने वाली फसल है। यह हर मौसम में बोयी जा सकती है जब मिट्टी में आवश्यक नमी हो। यह सिर्फ ज़मीन की हालत ही नहीं सुधारती बल्कि नाइट्रोजन की कमी को भी पूरा करती है।

जलवायु

  • Season

    Temperature

    22-35°C
  • Season

    Sowing Temperature

    22-28°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    30-35°C
  • Season

    Rainfall

    750-800mm
  • Season

    Temperature

    22-35°C
  • Season

    Sowing Temperature

    22-28°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    30-35°C
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    Rainfall

    750-800mm
  • Season

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    22-35°C
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    22-28°C
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    30-35°C
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    Rainfall

    750-800mm
  • Season

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    22-35°C
  • Season

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    22-28°C
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    Harvesting Temperature

    30-35°C
  • Season

    Rainfall

    750-800mm

मिट्टी

यह हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन रेतली दोमट से दोमट मिट्टी में उगाने पर अच्छे परिणाम देती है।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

Punjab Dhaincha 1: यह मोटे बीजों वाली किस्म है जिसकी वृद्धि तेजी से होती है। इसकी ज्यादातर गांठे होती हैं। इसकी औसत पैदावार 3-4 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह लगभग 150 दिनों में पक जाती है।
 
दूसरे राज्यों की किस्में
 
CSD 137: यह नमक वाली और सोखने वाली जमीनों में लगाई जाती है। यह 140 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसका औसतन पैदावार 133 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
 
CSD 123: यह उच्च स्तर के नमक वाली और पानी सोखने वाली ज़मीनों में लगाई जाती है। यह 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 112 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
 

ज़मीन की तैयारी

मॉनसून के आने से पहले खेत की अच्छी तरह जोताई करें। जोताई के बाद खेत को नदीन और जड़ों से मुक्त करें। इसके बाद मिट्टी को समतल कर दें। खेत की तैयारी के समय 3-4 टन गली हुई रूड़ी की खाद प्रति एकड़ खेत में डालें।

बिजाई

बिजाई का समय
हरी खाद बनाने के लिए इसका सही समय अप्रैल से जुलाई का महीना है और बीज लेने के उद्देश्य से इसकी बिजाई का समय मध्य जून से मध्य जुलाई है।
 
फासला
खाद बनाने के लिए कतारों का फासला 20-22.5 से.मी. रखें और बीज प्राप्त करने के लिए 45x20 से.मी. पर बिजाई करें।
 
बीज की गहराई
बीज को 3-4 सैं.मी. की गहराई पर बोना चाहिए।
 
बिजाई का ढंग
बिजाई के लिए सीड ड्रिल ढंग का प्रयोग किया जाता है।
 

बीज

बीज की मात्रा
हरी खाद के लिए 20 किलो बीज प्रति एकड़ बोयें। बीज बनाने के लिए 8 से 10 किलो बीज प्रति एकड़ बोयें।
 

खाद

खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)

UREA SSP MURIATE OF POTASH
- 75 #

 

तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)

NITORGEN PHOSPHORUS POTASH
- 12 #

 

बिजाई के समय फसल में 12 किलो फासफोरस तत्व (75 किलो सुपरफासफेट) प्रति एकड़ डाल देनी चाहिए। यदि फासफोरस का प्रयोग पिछली फसल में किया गया हो तो फासफोरस ना डालें।

 

 

खरपतवार नियंत्रण

जब इसे बीज लेने के उद्देश्य से उगाया जाता है, तब बिजाई से एक महीना बाद गोडाई करें।

सिंचाई

हरी खाद के लिए बिजाई की गई फसल को गर्मी में आवश्यकता अनुसार 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत होती है। बीज के लिए बोयी फसल को फूल लगने और बीज बनने के समय पानी की कमी ना होने दें।

पौधे की देखभाल

तंबाकू सुण्डी
  • हानिकारक कीट और रोकथाम
तंबाकू सुण्डी : इसकी सुण्डी शुरूआती फसल के पत्ते खाकर फसल को नष्ट कर देती हैं। इसकी रोकथाम के लिए नोवालयूरॉन 10 ई.सी. को 150 मि.ली. को 80-100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
 

फसल की कटाई

हरी खाद के लिए बोयी गई फसल को 40-60 दिन की होने पर मिट्टी में दबा दें । बीज लेने के लिए बोयी गई फसल बिजाई के समय अनुसार मध्य अक्तूबर से शुरूआती नवंबर तक कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

रेफरेन्स

1.Punjab Agricultural University Ludhiana

2.Department of Agriculture

3.Indian Agricultural Research Instittute, New Delhi

4.Indian Institute of Wheat and Barley Research

5.Ministry of Agriculture & Farmers Welfare