बिजाई का समय
मॉनसून के समय में चार से छः महीने पुराने पनीरी के पौधों को लगाना चाहिए।
फासला
बीजों को 15-20 सैं.मी. के फासले पर बीजें और 1-1.5 सैं.मी. गहरे बीजें और बिजाई के बाद हल्की सिंचाई करें।
बीज की गहराई
बीजों को 1-1.5 सैं.मी. गहरें बीजें।
बिजाई का ढंग
नीम को सीधा गड्ढा खोद कर और पनीरी लगाकर बीजा जा सकता है।
पनीरी लगाकर बीजना
वृक्ष से पके हुए बीज इकट्ठा करें। छिल्का उतारें और पानी से साफ करें और 3-7 दिनों तक छांव में सुखाएं। 10 मीटर लंबे, 1 मीटर चौड़े और 15 सैं.मी. लंबे बैड बनाएं। रूड़ी की खाद, रेत और मिट्टी को 1:1:3 की मात्रा में मिलाएं और बैडों पर 1:1:5 सैं.मी. गहरे बीजें और हल्की सिंचाई करें। पनीरी 5-6 दिनों में तैयार हो जाती है फिर प्लास्टिक के लिफाफों में बरेती, चिकनी रेतली और रूड़ी की खाद 1:1:1:1 के अनुपात में डालें और पनीरी को इनमें लगाएं।
खेत में लगाना
4-6 महीने के और 15-20 सैं.मी. लंबे पौधे खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं। 30x30x30 सैं.मी. के गड्ढे 5x5 मीटर के फासले पर उखाड़ें और सावन के महीने पनीरी को इनमें लगाएं। वर्षा के अनुसार 2-3 दिन बाद सिंचाई करें। बाद में पानी 7-10 दिनों के बाद भी दिया जा सकता है।