Punjab no.13: यह पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाणा द्वारा बनाई गई किस्म है। यह गर्मी और बसंत दोनों ऋतुओं में उगाई जा सकती है। इसके फल हल्के हरे और दरमियाने आकार के होते हैं। यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है।
Punjab Padmini: यह पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाणा द्वारा बनाई गई किस्म है। इसके फल बालों वाले, गहरे हरे और जल्दी तैयार करने वाले होते हैं। इसकी तुड़ाई, बिजाई के 55-60 दिनों के बाद की जा सकती है। यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 40-48 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab 7: यह चितकबरा रोग, तेला और सुंडी को सहनेयोग्य किस्म है। इसके फल गहरे हरे और दरमियाने आकार के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 40 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab 8: यह पूसा स्वामी द्वारा बनाई गई किस्म है। इसके फल गहरे हरे रंग के और कटाई के समय आकार में 15-16 सैं.मी. लंबे होते हैं। यह चितकबरा रोग को सहने योग्य और फल के छेदक की रोधक किस्म है।
Punjab Suhavani: इसकी औसतन पैदावार 49 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके फल गहरे हरे रंग के होते हैं और यह किस्म पीले चितकबरे रोग को सहनेयोग्य है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Pusa Mahakali: यह किस्म आई ए आर आई, नई दिल्ली द्वारा बनाई गई है। इसके फल हलके हरे रंग के होते हैं।
Parbhani Kranti: इसके फल आकार में दरमियाने लंबे होते हैं और अच्छी क्वालिटी के कारण ज्यादा देर तक स्टोर किए जा सकते हैं। यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है। यह 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 40-48 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Sawani: यह किस्म आई ए आर आई, नई दिल्ली द्वारा बनाई गई है। यह किस्म गर्मी और बरसात के मौसम में उगानेयोग्य किस्म है। यह 50 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके फल गहरे हरे रंग के और कटाई के समय 10-12 सैं.मी. लंबे होते हैं। यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 48-60 क्विंटल होता है।
Arka Anamika: यह किस्म आई आई एच आर बैंगलोर द्वारा तैयार की गई है। यह चितकबरा रोग की रोधक किस्म है।