PC 34: यह लाल रंग की और गहरे हरे पत्तों वाली किस्म है। जड़ों की लंबाई 25 सैं.मी. और जड़ों का व्यास 3.15 सैं.मी. होता है। इसमें टी एस एस की मात्रा 8.8 प्रतिशत होती है। यह किस्म बिजाई के 90 दिनों के बाद पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 204 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Black beauty: इसकी जड़ें जामुनी काली और पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। इसमें एथोंसाइनिश और फिनोलस जैसे स्त्रोत होते हैं जो कि कैंसर की बीमारी से बचाते हैं। इसमें टी एस एस की मात्रा 7.5 प्रतिशत होती है। यह किस्म बिजाई के 93 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 196 किलोग्राम प्रति एकड़ होती है। इस किस्म की ताजी गाजरें सलाद, जूस और आचार बनाने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
Punjab Carrot Red: इसकी औसतन पैदावार 230 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
विलक्षण किस्में : 1) यू एस ए - Red cored chantenay, Danvers half long, Imperator.
2) न्यूज़ीलैंड - Akaroa long red, spring market improved, Wanganui giant.
3) जापान -Suko
4) बैल्ज़ियम & Belgium white
5) नीदरलैंड - Early Horn
6) ऑस्ट्रेलिया - Red elephant, western red, yellow
7) फ्रांस - Chantenay, Nantes, oxheart
Pusa Kesar: यह लाल रंग की गाजर की किस्म है और आई ए आर आई, नई दिल्ली की तरफ से तैयार की गई है। यह 90-110 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 120 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Meghali: यह संतरी रंग की गाजर की किस्म है और आई ए आर आई नई दिल्ली की तरफ से तैयार की गई है। इसकी औसतन पैदावार 100-120 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
New Kuroda: यह हाइब्रिड किस्म समतल क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में लगाने के लिए अनुकूल होती है।