आम जानकारी
यह एक ईरानी या भारतीय वृक्ष है, जिसको दरेक के नाम से भी जाना जाता है| इसको संस्कृत में महानिम्बा, हिमरुद्रा, और हिंदी में बकेन भी कहा जाता है| यह दिखने में नीम के जैसा होता है| यह ईरान और पश्चिम हिमालय के कुछ क्षेत्रों में बहुत ज्यादा पाया जाता है| यह मिलिआसीआई प्रजाति के साथ संबंध रखता है| इस प्रजाति का मूल स्थान पश्चिम ऐशिया है| यह पत्ते झड़ने वाला वृक्ष है और 45 मीटर तक बढ़ता है| दरेक को आमतौर पर टिम्बर के काम के लिए प्रयोग किया जाता है (पर इसकी क्वालिटी ज्यादा बढ़िया नहीं होती)| इसके इलावा इसकी जड़ें, छाल, फल,बीज, फूल, और गोंद को दवाइयाँ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है| इसके ताज़े और सूखे पत्तों को, तेल और राख को, खांसी बैक्टीरिया और संक्रमण, मरोड़, जले हुए पर, सिर दर्द और कैंसर आदि के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है| यह छोटे समय (लगभग 20 साल तक) की फसल है और यह ज्यादा तेज़ हवा वाले क्षेत्रों के लिए उचित नहीं है|