Dusheri: यह बहुत ज्यादा क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसके फल जुलाई के पहले सप्ताह में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म के फलों का आकार छोटे से दरमियाना, रंग पीला, चिकना और गुठली छोटी होती है। यह फल ज्यादा देर तक स्टोर किए जा सकते हैं। ये फल सदाबहार लगते रहते हैं। इसकी औसतन पैदावार 150 क्विंटल प्रति वृक्ष होती है।
Langra: इस किस्म के फलों का आकार दरमियाने से बड़ा, रंग निंबू जैसा पीला और चिकना होता है। यह फल रेशे रहित और स्वाद में बढ़िया होते हैं। इसके फल का छिल्का दरमियाना मोटा होता है। इसके फल जुलाई के दूसरे सप्ताह में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इसकी औसतन पैदावार 100 किलो प्रति वृक्ष होती है।
Alphonso: इस किस्म को भारी मात्रा में निर्यात किया जाता है। इस किस्म के फल का आकार दरमियाना और अंडाकार होता है। फल का रंग हरा और हल्का पीला होता है और बीच बीच में हल्का गुलाबी रंग भी होता है। फल रेशा रहित और खाने में बहुत ही स्वाद होते हैं। फल का छिल्का पतला और चिकना होता है। इस किस्म के फल जुलाई के पहल सप्ताह में पककर तैयार हो जाते हैं।
Gangian Sandhuri (GN-19): यह किस्म जुलाई के चौथे सप्ताह में पक जाती है। इसमें शूगर की मात्रा 15.7 प्रतिशत और खट्टेपन की मात्रा 0.30 प्रतिशत होती है। इसकी औसतन उपज 80 किलो प्रति वृक्ष होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
हाइब्रिड किस्में : Mallika, Amrapali, Ratna, Arka Arjun, Arka Puneet, Arka Anmol, Sindhu, Manjeera
अन्य किस्में : Alphonso, Bombay Green, Dashahari, Himsagar, Kesar, Neelum, Chausa.