कृषि
मिट्टी
इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है लेकिन अच्छे निकास वाली गहरी जलोढ़, रेतली दोमट और काली मिट्टी चीकू की खेती के लिए उत्तम रहती है। चीकू की खेती के लिए मिट्टी की पी एच 6.0-8.0 उपयुक्त होती है। चिकनी मिट्टी और कैल्शियम की उच्च मात्रा युक्त मिट्टी में इसकी खेती ना करें।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
चीकू की खेती के लिए, अच्छी तरह से तैयार ज़मीन की आवश्यकता होती है। मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए 2-3 बार जोताई करके ज़मीन को समतल करें।
बिजाई
अंतर-फसलें
सिंचाई की उपलब्धता और जलवायु के आधार पर अनानास और कोकोआ, टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, मटर, कद्दू, केला और पपीता को अंतरफसली के तौर पर उगाया जा सकता है।
खाद
Age of tree (in years) | FYM (kg/tree) | UREA (gm/tree) | SSP (gm/tree) | MOP (gm/tree) |
1-3 years | 25 | 220-660 | 300-900 | 75-250 |
4-6 years | 50 | 880-1300 | 1240-1860 | 340-500 |
7-9 years | 75 | 1550-2000 | 2200-2800 | 600-770 |
10 years and above | 100 | 2200 | 3100 | 850 |
दिसंबर से जनवरी महीने में, अच्छी तरह से गली हुई रूड़ी की खाद, फासफोरस और पोटाशियम की मात्रा डालें। नाइट्रोजन को दो भागों में बांटकर, पहला भाग मार्च के महीने में और बाकी बची नाइट्रोजन की मात्रा जुलाई से अगस्त महीने में डालें।
खरपतवार नियंत्रण
नदीनों के अंकुरण से पहले शुरूआती 10-12 महीनों में स्टांप 800 मि.ली. या ड्यूरॉन 800 ग्राम प्रति एकड़ में डालें।
सिंचाई
सर्दियों में, 30 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें और गर्मियों में, 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। तुपका सिंचाई करें इससे 40 प्रतिशत पानी बचता है। शुरूआती अवस्था में पहले दो वर्षों के दौरान, वृक्ष से 50 सैं.मी. के फासले पर 2 ड्रिपर लगाएं और उसके बाद 5 वर्षों तक वृक्ष से 1 मीटर के फासले पर 4 ड्रिपर लगाएं।
पौधे की देखभाल
- हानिकारक कीट और रोकथाम
- बीमारियां और रोकथाम
फसल की कटाई
तुड़ाई जुलाई - सितंबर महीने में की जाती है। पर एक बात को ध्यान में रखना चाहिए कि अनपके फलों की तुड़ाई ना करें। तुड़ाई मुख्यत: फलों के हल्के संतरी या आलू रंग के और फलों में कम चिपचिपा दुधिया रंग होने पर की जाती है और इनको वृक्ष से तोड़ना आसान होता है। मुख्यत: 5-10 वर्ष का वृक्ष 250-1000 फल देता है।
कटाई के बाद
तुड़ाई के बाद, छंटाई की जाती है और 7-8 दिनों के लिए 20डिगरी सेल्सियस पर स्टोर किया जाता है। इसकी स्टोरेज क्षमता को 21-25 दिनों तक बढ़ाने के लिए इथाइलिन को निकालकर 5-10 प्रतिशत कार्बनडाईऑक्साइड को डाला जाता है। भंडारण के बाद लकड़ी के बक्सों में पैकिंग की जाती है और लंबी दूरी वाले स्थानों पर भेजा जाता है।