Punjab MACS Purple: यह किस्म 2008 में जारी की गई है। इस किस्म में एंथोसायनिन उच्च मात्रा में होता है। यह एक छोटा फल होता है, जिसमें बीज होते हैं। फल का आकार मध्यम और पकने पर यह जामुनी रंग का हो जाता है। इस की मध्यम और ढीली शाखाएं होती हैं। यह किस्म जून के पहले सप्ताह में पक जाती है। यह जूस और नेक्टर बनाने के लिए उपयुक्त किस्म है।
Perlette: यह किस्म 1967 में जारी की गई है। यह अधिक उपज वाली किस्म है। इसकी शाखाएं बड़ी से मध्यम आकार की और अंगूरों का आकार मध्यम होता है। फल हल्के सुगंधित, छिल्का मोटा और सख्त होता है। इसमें टी एस एस की मात्रा 16-18 प्रतिशत होती है। इसकी औसतन पैदावार 25 किलो प्रति बेल होती है।
Beauty Seedless: यह किस्म 1968 में जारी की गई है। यह दक्षिण पश्चिमी जिलों में उगाने पर अच्छे परिणाम देती है। यह मध्यम आकार की शाखाओं का निर्माण करती है जो कि अच्छी तरह भरी होती हैं। इसके फल बीज रहित होते हैं, जो कि मध्यम आकार के और नीले काले रंग के होते हैं। फल में टी एस एस की मात्रा 16-18 प्रतिशत होती है। फल जून के पहले सप्ताह में पक जाते हैं। इसकी औसतन पैदावार 25 किलो प्रति बेल होती है।
Flame Seedless: यह किस्म 2000 में जारी की गई है। इसकी शाखाएं मध्यम, बीज रहित फल जो कि सख्त और कुरकुरे होते हैं और पकने पर फल हल्के जामुनी रंग के हो जाते हैं। इसमें टी एस एस की मात्रा 16-18 प्रतिशत होती है। यह किस्म जून के दूसरे सप्ताह में पक जाती है।
Superior Seedless: इस किस्म की बेल मध्यम फैलने वाली होती है। इसके गुच्छे मध्यम से बड़े आकार के होते हैं। बीज आकार में बड़े और सुनहरे रंग के होते है।। फलों में शूगर की मात्रा 10.0 प्रतिशत और खट्टेपन की मात्रा 0.51 प्रतिशत होती है। इसके फल जून के पहले सप्ताह में पक जाते हैं। इसकी औसतन उपज 21.8 किलो प्रति वृक्ष होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
शुष्क क्षेत्रों के लिए
किशमिश बनाने के लिए Thompson Seedless, Black Sahebi
कच्चा खाने के लिए Thompson Seedless, Beauty Seedless, Black Sahebi, Anab-e-Shahi,
जूस बनाने के लिए: Beauty Seedless, Black Prince
वाइन बनाने के लिए Rangspray, Cholhu White, Cholhu Red
निचली पहाड़ी क्षेत्रों के लिए
Perlette, Beauty Seedless, Delight, and Himred.
Thompson Seedless: इस किस्म के गुच्छे बड़े होते हैं। अंगूर समान आकार के, मध्यम लंबे, हरे रंग के और पकने पर सुनहरी रंग के हो जाते हैं। फल बीज रहित, सख्त और स्वाद में अच्छे होते हैं। यह देरी से पकने वाली किस्म है।
Black Sahebi: इसके फल जामुनी रंग के, अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं। इसके गुच्छे अच्छे, छिल्का पतला और मीठा गुद्दा होता है। बीज नर्म होते हैं और इन्हें लंबे समय तक रखा जा सकता है। फल की उपज कम होती है और फल का आकार बड़ा होता है।
Perlette: यह किस्म 1967 में जारी की गई है। यह अधिक उपज वाली किस्म है। इसकी शाखाएं बड़ी से मध्यम आकार की होती हैं, अंगूर मध्यम आकार के, हल्के सुगंधित, गोल और छिल्का मोटा होता है। इसका गुद्दा मीठा और सख्त होता है। फल में टी एस एस की मात्रा 16-18 प्रतिशत होती है। इसकी औसतन पैदावार 25 किलो प्रति बेल होती है। Anab-e-Shahi: इसके गुच्छे मध्यम से बड़े आकार के भरे हुए, सफेद रंग के फल होते हैं। इसका छिल्का पतला होता है। फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है और फल का स्वाद मीठा होता है।
Black Prince: इसके फल जामुनी रंग के गोल, मोटा छिल्का, मीठा और नर्म गुद्दा होता है। इसके गुच्छे मध्यम आकार के, कम घनत्व के होते हैं। यह जल्दी और अच्छी उपज देने वाली किस्म है, यह किस्म खाने और जूस बनाने के लिए उपयुक्त है।