आम जानकारी
यह एक महत्तवपूर्ण औषधि है, जो कि आधुनिक दवाइयों और आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। इसकी जड़ें सुगन्धित होती हैं लेकिन स्वाद में कड़वी होती हैं। इसकी जड़ें विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग की जाती हैं। सर्पगन्धा से तैयार दवाइयों को घाव, बुखार, पेट का दर्द, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, मिर्गी और पागल-पन के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक झाड़ी वाला पौधा है, जिसकी औसतन ऊंचाई 0.3-1.6 मीटर है| इसके पत्ते लम्भाकार होते है, जिसकी लम्बाई 8-15 सैं.मी. होती हैं। इसके फूल सफेद या गुलाबी, फल जामुनी काले रंग के और जड़ें 0.5-3.6 सैं.मी. व्यास के होते हैं। सर्पगन्धा के मुख्य उत्पादक देश बर्मा, बंगलादेश, मलेशिया, श्री लंका, इंडोनेशिया और अंडेमान द्वीप आदि हैं। भारत में उत्तर प्रदेश सर्पगन्धा का मुख्य उत्पादक राज्य है।