CH-1: यह किस्म पी ए यू लुधियाना द्वारा बनाई गई है। यह दरमियाने कद वाली किस्म है। इसका फल दरमियाने आकार और हल्के हरे रंग का होता है जो पकने के बाद गहरे लाल रंग का हो जाता है। इस किस्म का फल बहुत कड़वा और आकर्षित होता है। यह किस्म गलन रोग को सहने योग्य है। इसकी औसतन पैदावार 95-100 क्विंटल प्रति एकड़ है।
CH-3: यह किस्म पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा बनाई गई है। इसके फल का आकार सी एच-1 के आकार से बड़ा होता है। इसमें कैपसेसिन की मात्रा 0.52 प्रतिशत होती है। इसकी औसतन पैदावार 100-110 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
CH-27: इस किस्म के पौधे लंबे होते हैं और ज्यादा समय तक फल देते हैं। इस किस्म के फल दरमियाने लंबे (6.7 सैं.मी.), पतले छिल्के वाले, शुरू में हल्के हरे और पकने के बाद लाल रंग के होते हैं। यह किस्म पत्ता मरोड़, फल और जड़ गलन, रस चूसने वाले कीट जैसे कि मकौड़ा जुंएं आदि की रोधक है। इसकी औसतन पैदावर 90-110 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Sindhuri: इस किस्म के पौधे गहरे हरे, ठोस और दरमियाने कद के होते हैं। यह जल्दी पकने वाली किस्म है और इसकी पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 75 दिनों के बाद की जा सकती है। इसके फल लंबे (7-14 सैं.मी.), मोटे छिल्के वाले, शुरू में गहरे हरे और पकने के बाद गहरे लाल रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 70-75 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Tej: इसके पौधे हल्के हरे, फैले हुए और दरमियाने कद के होते हैं। यह जल्दी पकने वाली किस्म है और इसकी पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 75 दिन बाद की जा सकती है। इसके फल लंबे (6-8) सैं.मी., पतले छिल्के वाले, शुरू में हल्के हरे रंग के होते हैं जो पकने के बाद गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। इसकी औसतन पैदावार 60 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Jwala: इस किस्म के पौधे छोटे कद के, झाड़ियों वाले और हल्के हरे रंग के होते हैं। इसके फल 9-10 सैं.मी. लंबे, हल्के हरे और बहुत कड़वे होते हैं। यह किस्म थ्रिप और मकौड़ा जुंओं की प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 34 क्विंटल (हरी मिर्चें) और 7 क्विंटल (सूखी मिर्चें) प्रति एकड़ होती है।
Pusa Sadabahar: इसके पौधे सीधे, सदाबहार (2-3 वर्ष), 60-80 सैं.मी. कद के होते हैं। इसके फल 6-8 सैं.मी. लंबे होते हैं। फल गुच्छों में लगते हैं और प्रत्येक गुच्छे में 6-14 फल होते हैं। पकने के समय फल गहरे लाल रंग के और कड़वे होते हैं। यह किस्म CMV, TMV और पत्ता मरोड़ की रोधक है। इसकी पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 75-80 दिन बाद की जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 38 क्विंटल (हरी मिर्चें) और 8 क्विंटल (सूखी मिर्चें) प्रति एकड़ है।
Arka Meghana: यह हाइब्रिड किस्म अधिक पैदावार वाली और पत्तों के धब्बे रोग की प्रतिरोधक है। इसके फलों की लंबाई 10.6 सैं.मी. और चौड़ाई 1.2 सैं.मी. होती है। इसके फल शरू में गहरे हरे और पकने के बाद लाल हो जाते हैं। इसकी औसतन पैदावार 134 क्विंटल (हरी मिर्चें) और 20 क्विंटल (सूखी मिर्चें) प्रति एकड़ है।
Arka Sweta: यह हाइब्रिड किस्म अधिक पैदावार वाली और ताज़ा मंडी में बेचनेयोग्य है। यह सिंचित स्थितियों में खरीफ और रबी दोनों में उगाई जा सकती है। इसके फल की लंबाई 11-12 सैं.मी. चौड़ाई 1.2-1.5 सैं.मी. होती है। इसके फल नर्म और दरमियाने कड़वे होते हैं। फल शुरू में हल्के हरे और पकने के बाद लाल हो जाते हैं। यह विषाणुओं को सहनयोग्य किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 132 क्विंटल (हरी मिर्चें) और 20 क्विंटल (सूखी मिर्चें) प्रति एकड़ है।
Kashi Early: इस हाइब्रिड किस्म के पौधे का कद लंबा (100-110 सैं.मी.) होता है। इसका तना टहनियों के बिना हल्का हरा होता है। इसके फल कड़वे, लंबे (8-9x1.0-1.2 सैं.मी.), आकर्षिक, शरू में गहरे हरे जो पकने के बाद चमकीले लाल हो जाते हैं। इस किस्म के हरी मिर्च की पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 45 दिन बाद की जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 100 क्विंटल (पकी हुई लाल) होती है।
Kashi Surkh: इस किस्म के पौधे छोटे कद के होते हैं, जिनका तना टहनियों वाला होता है। इसके फल हल्के हरे, सीधे, लंबे 11-12 सैं.मी. होते हैं। यह हरी और लाल दोनों तरह की मिर्चें उगाने योग्य किस्म है। इसकी पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 55 दिनों के बाद की जा सकती है। इसमें हरी मिर्च की औसतन पैदावार 100 क्विंटल प्रति एकड़ है।
Kashi Anmol: इस किस्म के पौधे दरमियाने कद के (60-70 सैं.मी.) होते हैं, जिनका तना टहनियों वाला होता है और यह आकर्षिक, हरे, कड़वे फल पैदा करता है। इसकी पहली तुड़ाई पनीरी लगाने के 55 दिनों के बाद की जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 80 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Gucchedar: यह किस्म 1995 में जारी की गई है। इसके फल छोटे और गुच्छों में होते हैं। यह किस्म डिब्बाबंद पैकिंग के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन उपज 60 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Kashi Vishwanath
Sankeshwar: यह हल्के स्वाद वाली लंबी और लाल रंग वाली किस्म है। यह विशेष तौर पर निर्यात के लिए प्रयोग की जाती है।
Byadgi (Kaddi): यह हल्के स्वाद वाली लंबी और चमकीले लाल रंग वाली किस्म है।
Dabbi: यह हल्के स्वाद वाली लंबी और मोटी, काले रंग की किस्म है।