आम जानकारी
इसे ‘मीठी जड़’ के रूप में जाना जाता है और इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार करने के लिए किया जाता है। इसकी जड़ों से काफी प्रकार की दवाइयां तैयार की जाती हैं। मुलेठी से तैयार दवाइयों का प्रयोग त्वचा की समस्याओं, पीलिया, अल्सर, ब्रोंकाइटिस इत्यादि का इलाज करने के लिए किया जाता है। यह 1-2 मीटर की औसत ऊंचाई के साथ वार्षिक झाड़ी है। इसके फूल जामुनी से सफेद नीले रंग के होते हैं जिसकी लंबाई 0.8-1.2 सैं.मी. होती है। इसके फलों में काफी बीज होते हैं और 2-3 सैं.मी. लंबे होते हैं। जड़ें स्वाद में मीठी होती हैं और इनकी कोई गंध नहीं होती। यह दुनिया भर में ग्रीक, चीन, मिस्र और भारत में पाया जाता है। इसका मूल एशिया और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्से हैं। भारत में पंजाब और उप हिमालय में इसकी खेती की जाती है।